समर और पाखी होली सेलिब्रेशन के वेन्यू पर अनुपमा को ढूंढते हैं। बा कहती हैं कि उसे ढूंढों, कहां चली गई अनुपमा। काव्या गुस्से में आती है और कहती है कि अनुपमा, वनराज के कमरे में है। राखी सोचती है कि काव्या पर अब तक भांग का नशा क्यों नहीं चढ़ा, उसने वनराज के रूम में क्या देखा। पूरा परिवार घर जाता है और अनुपमा को अजीब तरह से बिहेव करता देख हैरान रह जाता है। अनुपमा पूछती है कि उन लोगों ने घर में घुसकर फ्लोर क्यों खराब कर दिया। बा कहती हैं कि इसे क्या हुआ है। अनुपमा कहती है कि बा बेटा को क्या हुआ, उन्होंने ठंडाई ली या नहीं। राखी समझ जाती है कि अनुपमा ने भांग वाला दूध पी लिया है।
अनुपमा कहती है कि बा मुझे अपने दूरबीन से देखती हैं और डांटती हैं, उन्होंने मुझे एक बार भी आर्शीवाद नहीं दिया और सास वाला गुस्सा बहू पर निकालती हैं। दुनिया की सारी सास बहू को अपनी बेटी क्यों नहीं मान सकती, अगर ऐसा हो जाए तो सारी लड़ाई खत्म हो जाए और सास-बहू जैसा कोई सीरियल नहीं रहेगा फिर। उसने हमेशा बा को अपनी मां माना लेकिन उन्होंने ना उसे बेटी माना ना ही बहू। बा हमेशा से अपने बेटे के लिए पढ़ी-लिखी और वैल कल्चर्ड बहू लाना चाहती थीं लेकिन मिल गई उन्हें थेपला बनाने वाली बहू। बा ने उसकी वेल्यू समझने में सालों लगा दिए, वो रोया करती थी और बहुत से तकिया भीगे क्योंकि वो बा हैं, उसकी बा हैं। उसे याद है कि कैसे बा डौली की बिदाई पर रोयी थीं और कहा था कि इससे भी ज्यादा रोएंगी जब वो इस घर को छोड़कर जाएगी। बा अनुपमा को शांत कराने की कोशिश करती हैं।
काव्या नंदिनी ने घर जाती है और अनुपमा के वनराज को छूने पर गुस्सा निकालती है। अनुपमा बापू जी से बात करती है और कहती है कि वो उसे अब सपोर्ट कर रहे हैं। उन्होंने ऐसा पहले क्यों नहीं किया, वो जानती है कि उन्हें घर में शांति देखना पसंद है लेकिन गलत को सहन करना शांति नहीं बल्कि चुप्पी कहलाती है। अगर उन्होंने बा को उसकी पढ़ाई को रोकने नहीं दिया होता तो आज उसकी ये हालत नहीं होती। उसे याद है कि कैसे राखी ने तोशू और किंजल की शादी के दौरान उसे बेइज्जत किया था। बापू जी अनुपमा से माफी मांगते हैं और कहते हैं कि उसकी सास और पति नहीं चाहते थे कि वो पढ़ाई करे। उन्होंने उनसे लड़ाई नहीं की और हमेशा अनपढ़ कहकर उसकी बेइज्जती होती रही। अनुपमा कहती है कि अगर वो पढ़ी लिखी होती तो वो भी स्मार्ट होती और काव्या की तरह किसी बड़े ऑफिस में काम कर रही होती। किंजल और राखी की तरह इंग्लिश बोल रही होती।
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काव्या ने नंदिनी को जड़ा थप्पड़नंदिनी काव्या से पूछती है कि उसे कैसे पता अनुपमा वनराज के रूम में है। काव्या चिल्लाकर कहती है कि वो उसे परेशान ना करे। नंदिनी कहती है कि दिक्कत खड़ी करने का कॉपीराइट क्या सिर्फ उसके पास है। काव्या और नंदिनी की बहस बढ़ जाती है और दोनों एक दूसरे को बहुत सी बाते कहती हैं। काव्या नंदिनी को थप्पड़ मार देती है और याद दिलाती है कि वो उसकी आंटी है।
अनुपमा पाखी को दुलार करती है और कहती है कि ये तीनो उसकी जिंदगी है और वो उनसे बहुत प्यार करती है। बच्चों का अधिकार होता है कि वो अपनी मां से नाराज हो जाए लेकिन मां के पास ये हक नहीं होता। वो सिर्फ बच्चों को प्यार ही कर सकती है। सबको लगता है कि समर उसका सबसे प्रिय है लेकिन समर उसे बहुत प्यार करता है और समझता है। वो हमेशा उसकी सुनता है लेकिन सिर्फ शिवरात्रि वाले दिन उसने ऐसा नहीं किया था।
काव्या बौखला जाती है कि जब भी वो वनराज के रूम में जाती है तो बा और पाखी उसे रोकते थे और आज अनुपमा ने उसे वनराज के कमरे में जाने से रोक दिया। वो उसे वनराज से दूर करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन वो तलाक के बाद वी से शादी कर लेगी और फिर कभी परेशान नहीं होगी चाहे कोई मर भी क्यों ना जाए।
(Precap– अनुपमा वनराज को बेहोशी की हालत में बताती है कि वो उसे दिल से प्यार करती है जैसा राधा ने कान्हा को किया था लेकिन उसने उसे कभी प्यार नहीं किया।)