जहां उन्होंने लोगों को इस वन्य जीव से दूर रहने की सलाह दी। इससे पूर्व पुलिस ने भी मौके पर पहुंचकर गांव वालों को लेपर्ड के पास से दूर किया।
इसकी सूचना पाकर रणथंबोर टाइगर रिजर्व की टीम लेपर्ड को ट्रेंकुलाइज करने के लिए मौके पर पहुंची। टीम उसे ट्रेंकुलाइज करने की तैयारी कर रही थी लेपर्ड लोगों के शोरगुल के कारण पैंथर घबरा गया। वह भागने के लिए छटपटाया । इसी दौरान वह तारबंदी से सुलझ कर भाग गया। इसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली।
खेत मालिक हनुमान मीणा ने बताया सुबह करीब साढ़े आठ बजे देवली गांव के पास वन क्षेत्र की ओर खेत पर गया। वहां खेत की झाडिय़ों से गुजर रही तारबंदी में वन्य जीव फंसा हुआ दिखाई दिया। इसकी सूचना अन्य लोगों और वन विभाग की दी।
वन्य जीव दिखाई देने की सूचना क्षेत्र में आग की तरह फैल गई। धीरे- धीरे बड़ी संख्या में लोग उसे को देखने के लिए वहां एकत्रित हो गए। वन्यजव लोगों की भीड़ देखकर सहम सा गया।
इसी दौरान इसकी जानकारी मिलने के बाद अलीगढ़ थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची। जहां उन्होंने पेंथर से गांव वालों को दूर किया। सूचना के बाद उनियारा वन विभाग के रेंजर विजय कुमार मीणा भी कर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे।
उन्होंने इसे ट्रेंकुलाइज करने के लिए रणथंबोर टाइगर रिजर्व की टीम बुलाई। यह टीम दोपहर करीब पौने बारह बजे पहुंच गई। टीम उसे ट्रेंकुलाइज की तैयारी में जुटी हुई ही थी कि लोगों के शोरगुल से छटपटाया । इसी दौरान व तारबंदी से सुलझ कर भाग गया।
15 दिन से बना हुआ है मूवमेंट
लोगों ने बताया कि क्षेत्र में वन्य जीव का मूवमेंट करीब 15 दिन से बना हुआ है। इसके पगमार्क भी दिखे थे। लेकिन वन विभाग की टीम ने उन पगमार्को को जरख का बताया था। ऐसे में लोगों ने आशंका जताई है कि अभी भी क्षेत्र में वन्य जीव का मूवमेंट बना हुआ है। इन्हे एक्सपर्ट से पकड़वा कर रणथंबोर अभ्यारण छुडवाया जाए।
टाइगर नहीं लेपर्ड था अलीगढ़ के रेंजर विजय कुमार मीणा ने बताया कि सुबह नौ बजे सूचना मिली कि वन क्षेत्र के पास एक पैंथर तारबंदी में फंसा हुआ है। उसे देखा तो वह टाइगर नहीं, लेपर्ड था। वह तारबंदी में फंसा हुआ था।
उसे सकुशल निकालने के लिए ट्रेंकुलाइज करने वाली रणथंबोर टाइगर रिजर्व की टीम को बुला लिया था। टीम उसे ट्रेंकुलाइज करने के लिए गन को तैयार कर रहे कि लोगों के शोरगुल से परेशान होकर वह छटपटा कर तारबंदी से निकलकर भाग छूटा।