खुदाई की भेंट चढ़े सैकड़ों पेड़ गौरतलब है कि पहले यहां हाइवे किनारे छायादार वृक्षों की कतार लगी होती थी,आज वहां वीरानी छाई है।जेठ की तपती दोपहरी से बचने के लिए राहगीर सडक़ों के किनारे इन पेड़ों की छाया के तले बैठकर चंद लम्हे गुजारते थे। इसके अलावा दूर से आने-जाने वाले पथिक भी इन्हीं पेड़ों के नीचे बैठकर समय गुजारते थे। लेकिन सडक़ किनारे के सैकड़ों पेड़ गैस पाइप लाइन खुदाई की भेंट चढ़ गए। वहीं संबंधित कंस्ट्रक्शन कम्पनी की ओर से दुबारा पौधरोपण को लेकर कोई योजना नहीं बनाई है।
हाइवे पर दुर्घटना की आशंका शासन की गाइडलाइन को दरकिनार कर हाइवे के किनारे ही पाइप को डंप किया जा रहा है। जबकि हाइवे पर रोजाना सैकड़ों वाहनों का आवागमन रहता है।बड़ी दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।हाइवे की पटरी से सटाकर पाइप लाइनों की कतार लगा दी है। हाइवे से उतरने के लिए पटरी तक नहीं बची है। वहीं लाइन बिछाई के लिए कई खड्ढे खोदे गए। इससे वाहन चालकों को परेशानी हो रही है। कंपनी की मनमानी के चलते रात को हाइवे पर दुर्घटना की आशंका बढ़ गई है।
क्षतिग्रस्त हुई पेयजल लाइन: गैस पाइप लाइन डालने के लिए खुदाई कार्य किया जा रहा है।इस दौरान पेयजल लाइन कई जगह से क्षतिग्रस्त हो गई है। इस भीषण गर्मी में पेयजल आपूर्ति बाधित होने से लोगों को परेशानी हो रही है।पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त होने से हजारों लीटर मीठा पानी व्यर्थ बह गया है। अब लोगों को सामने पेयजल संकट खड़ा हो गया है। वहीं गैस पाइप लाइन बिछाने का कार्य कछुआ चाल से चल रहा है।गैस पाइप लाइन का खुदाई कार्य लोगों के लिए जी का जंजाल बना हुआ है।