सरस डेयरी के प्रबंध संचालक सुरेश कुमार सेन ने बताया कि टोंक दुग्ध संघ से जुड़ी हुई जिले की लगभग 600 दुग्ध समितियों और 400 डेयरी बूथों के माध्यम से गाय के गोबर से बने हुए दीपक बेचे जाएंगे। जिले की सभी दुग्ध समितियों और सरस डेयरी बूथों को 500-500 दीपक बिक्री करने का लक्ष्य दिया गया है।
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गोशालाएं बन सकती हैं आत्मनिर्भर
दुग्ध संघ के प्रबंध संचालक सुरेश कुमार सेन ने बताया कि दुग्ध संघ एक सहकारी संस्था है। इसके माध्यम से जिले की गोशालाओं से निर्मित गोधन अर्क, धूपबत्ती, अगरबत्ती, यज्ञ हवन के लिए गोबर के कण्डे, साबुन, गोकाष्ट, गणपति प्रतिमाएं, दुर्गा प्रतिमाएं, दूध, धी सहित अनेक उत्कृष्ट उत्पादों को यदि दुग्ध संघ से जुड़ी ग्रामीण दुग्ध समितियों और शहरी डेयरी बूथों के माध्यम से बिक्री किया जाए तो गोशालाएं चंदे पर आधारित नहीं होकर आत्म निर्भर हो सकती है। यह भी पढ़ें