13 नवंबर को दर्ज हुआ था मामला
दरअसल, नरेश मीणा ने 7 दिसंबर को अदालत में जमानत याचिका दायर की थी। अभियोजन पक्ष ने तर्क दिया कि यह मामला राजकार्य में बाधा पहुंचाने और अधिकारियों के साथ मारपीट का है, जिससे कानून-व्यवस्था को गंभीर खतरा पहुंचा। अदालत ने इन दलीलों को स्वीकार करते हुए उनकी धारा 166 के तहत जमानत याचिका खारिज कर दी। ACJM कोर्ट के अभियोजन अधिकारी के अनुसार मालपुरा SDM अमित चौधरी ने 13 नवंबर को नगर फोर्ट थाने में नरेश मीणा पर उनसे मारपीट का मामला दर्ज कराया था।
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क्या है थप्पड़ मारने का पूरा मामला?
13 नवंबर को देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर उपचुनाव के दौरान समरावता गांव में मतदान का बहिष्कार किया गया था। इस दौरान निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठे थे। नरेश मीणा ने आरोप लगाया कि प्रशासन जबरन मतदान करवा रहा है। जब मीणा ने पोलिंग बूथ के अंदर जाने की कोशिश की तो एरिया मजिस्ट्रेट एसडीएम अमित चौधरी ने उन्हें रोका। इस दौरान स्थिति तनावपूर्ण हो गई और नरेश मीणा ने तैश में आकर एसडीएम चौधरी को थप्पड़ मार दिया। इस घटना के बाद माहौल बिगड़ गया और पथराव, आगजनी तथा हंगामे जैसी घटनाएं सामने आईं। इसके बाद नरेश मीणा और उनके समर्थकों के खिलाफ चार मामले दर्ज किए गए। ये SDM को थप्पड़ मारने, राजकार्य में बाधा डालने, आगजनी करने और पुलिसकर्मियों को चकमा देकर हिरासत से भागने के मामले हैं।