वर्तमान में अजमेर से कोटा के लिए वाया चितौडग़ढ़ होकर ट्रेन संचालित होती है। इससे यात्रियों करीब छह घंटे का समय लगता है। अब समय के बचत होगी। नसीराबाद-सवाईमाधोपुर के बीच नई रेल लाइन डलने से अजमेर सीधे टोंक से जुड़ जाएगा।
सांसद ने सौंपा था ज्ञापन
इस बारे में सांसद सुखबीर सिंह ने बताया कि बजट में टोंक को रेल लाइन की सौगात मिली है। गत दिनों रेल मंत्री अश्विनी कुमार को भी इस बारे में ज्ञापन सौंपा था। वहीं रेल लाइन बिछाने की मांग की गई थी। सांसद के प्रयासों से बजट में स्वीकृति मिली है। गौरतलब है कि वर्ष 2012 के केन्द्रीय रेल के पूरक बजट में टोंक के लिए रेल लाइन स्वीकृत होने के बाद रेल विभाग ने स्टेशन, फ्लाइओवर तथा रेल लाइन बिछाने के लिए सर्वे समेत अन्य सभी कार्य पूरे कर लिए थे।
कई गांवों को जोड़ा जाना प्रस्तावित
अजमेर-टोंक-सवाईमाधोपुर रेल परियोजना की कुल लम्बाई 165 किलोमीटर है। इसके लिए अनुमानित 873.71 करोड़ रुपए खर्च आंका गया था। रेल का कार्य सवाईमाधोपुर के चौथ का बरवाड़ा से शुरू होकर टोंक व अजमेर जिले के कई गांवों को जोड़ा जाना प्रस्तावित है। अजमेर के नसीराबाद से सवाईमाधोपुर के चौथ का बरवाड़ा तक 23 स्टेशन बनाए जाना प्रस्तावित है। इसमें चौथ का बरवाड़ा, टोंक के टोडारायसिंह का दाबडदूम्बा, बनसेरा, बरवास, टोंक का डारदाहिंद, बमोर, खेड़ा, बनेठा, सेदरी, अजमेर के नसीराबाद, लिहारवाड़ा, जयवंतपुरा, सराना, गोयला, सरवाड़, सूरजपुरा, केकड़ी, मेवड़ा, कालन, नया गांव व बघेरा शामिल हैं।
समृद्ध होगा जिला
रेल नहीं होने से टोंक जिला आर्थिक रूप से पिछड़ा हुआ है। रेल होने पर जिला विकास के पथ पर तेजी से बढ़ेगा। सबसे अधिक औद्योगिक क्षेत्र को फायदा होगा। हालांकि लोगों को अब परियोजना शुरू होने का इंतजार है।