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Good News: बनास नदी पर यहां बन रहा 4 किमी लंबा पुल, बीसलपुर बांध के गेट खोले जाने से बह गया था पक्का रपट

Tonk News: बनास नदी के गहलोद रपट हर वर्ष मानसून की पहली बारिश में टूट जाती है। इस बार भी गत दिनों हुई एक दिनी बारिश के बाद दो जगहों से टूट गई।

टोंकJul 14, 2024 / 12:28 pm

Santosh Trivedi

Tonk News: पीपलू तहसील के आवागमन का मुख्य आधार एवं विकास की मुख्य धुरी गहलोद-टोंक मार्ग पर वर्तमान में बनास नदी में 134.74 करोड़ रुपए की लागत से 4 किमी लंबा पुल बन रहा है। जिसका कार्य प्रगति पर है। वर्ष 2016 में बीसलपुर बांध के गेट खोले जाने से तेज बहाव के कारण पक्का रपटा बह गया था।
उसके बाद से अब तक हर बार बारिश रूकने के बाद कच्चा रपटा बनाकर काम चलाया जा रहा है। गत वर्ष तो यह करीब 3 से 4 बार टूटा था लेकिन पुल बनानी वाली कंपनी ने अपने कार्य के चलते इसे बार-बार तैयार किया था। इस बार भी यह दो जगह से टूट गया है। हालांकि दुपहिया वाहन चालक जान जोखिम में डालकर बनास नदी की ओर पानी को पार करके निकलते हुए नजर आ रहे हैं।

चल रहा है काम

टोंक शहर को मालपुरा, टोडारायसिंह व पीपलू उपखंड की दर्जनों पंचायतों के लगभग सौ गांवों को जोड़ने वाला यह पुल प्रदेश का सबसे बड़ा नदी पुल है। इस पुल की कुल लंबाई चार किमी है। इस चार किमी में से 2.50 किमी हिस्से पर पुल बनाया जा रहा है जबकि 1.50 किलोमीटर हिस्से पर एप्रोच रोड बनाया जाना है। इस पुल के लगभग 50 पिलरों का काम पूरा हो चुका है और अब स्पानों पर प्रीकास्ट गर्डर रखे जाने का काम चल रहा है। यह पुल जिले का सबसे चौड़ा पुल भी है। पुल का निर्माण जयपुर की निर्माण कंपनी आरके जैन ज्योति बिल्डर्स की ओर से किया जा रहा है। गत दिनों तूफान में दो स्पानों के बीच 5 गर्डर एक साथ धराशाही हो गए थे।

रास्ता बाधित होने से बढ़ती है दूरी

हर वर्ष मानसून के समय नदी किनारे के सैकड़ों गांव के लोगों को 10 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय की दूरी तय करने के लिए 50-60 किलोमीटर चक्कर लगाकर जिला मुख्यालय आना जाना पड़ता हैं। यह मार्ग पीपलू, मालपुरा, टोडारायसिंह तहसील के सैकड़ों गांव समेत किशनगढ़, अजमेर, दूदू, सांभर, नरेना, फागी, जयपुर को सीधा जोड़ने वाला है। इस पर पुल बनने से क्षेत्र के ग्रामीणों को को राहत मिलेगी साथ ही प्रदेश के अन्य जिलों में आ जाने के लिए भी उन्हें बहुत सहूलियत मिलेगी। इससे समय व धन दोनों बचेंगे।
बनास नदी के गहलोद रपट पर पुल बनने से क्षेत्र के कुरेड़ा, देवरी, गहलोद, नानेर, जवाली सहित टोड़ारायसिंह व मालपुरा उपखण्ड के कई दर्जनों गांवो के लोगों का गहलोद मार्ग से टोंक मुख्यालय का सीधा संपर्क जुड़ेगा। इस रास्ते से गहलोद, मारखेड़ा, इस्लामपुरा, पासरोटिया, बिशनपुरा, मालीपुरा समेत दर्जनों गांवों के करीब एक हजार से अधिक विद्यार्थी रोजाना टोंक पढ़ने के लिए जाते है, उनके पुल बनने से काफी राहत मिलेगी। इतना ही नहीं इस गहलोद रपट से रोजाना सैकड़ों किसान अपनी फसल को टोंक कृषि मण्डी में बेचने व अपनी रोजमर्रा की चीजों की खरीददारी के लिए टोंक जाते हैं। वहीं गंभीर घायल, बीमार एवं प्रसूताओं को भी टोंक सआदत अस्पताल में इसी गहलोद रपटे से ले जाया जाता है। ऐसे में पुल बनने के बाद बारिश के समय भी आवागमन सुचारु रहने से काफी फायदा क्षेत्रीय लोगों को मिलेगा।

दुपहिया वाहन जोखिम लेकर कर रहे पार

वर्तमान में करीब एक सप्ताह से बनास नदी पर कच्चा पुल दो जगह से टूट गया है। इसके बावजूद दुपहिया वाहन चालक जोखिम लेकर बनास नदी में वैकल्पिक रास्ता बनाकर पानी को पार करते नजर आ रहे हैं। कई जगहों पर तो दुपहिया वाहनों पानी के बीच में बंद हो जाने से साइलेंसर में पानी चला जाता है। जिसके बाद गाड़ी खराब होने पर उसे पैदल-पैदल टोंक तक लेकर आते है या टोंक से जाने वाले गहलोद जाकर सही करवाते है।

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