जिससे आस-पास के किसानों व ग्रामीणों के लिए तहसील कार्यालय के लिए मालपुरा जाने के स्थान पर डिग्गी में ही कार्य होने लगे। नवीन भवन निर्माण को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में विवाद की स्थिति बनी। इसमें कुछ गांवों के लोग डिग्गी मोड पर उपतहसील का नवीन भवन बनवाने की मांग करने लगे तो कुछ गंाव डिग्गी में ही भवन बनाने की मांग करने लगे।
तीन साल पूर्व डिग्गी से मोड के मध्य लगभग दो किलोमीटर की दूरी पर मुख्य सडक़ से भी आधा किलोमीटर की दूरी पर उपतहसील कार्यालय का नवीन भवन बनाकर विधायक कन्हैयालाल चौधरी ने 25 मई 2016 को शुभारम्भ किया। उपतहसील कार्यालय के नवीन भवन में स्थानान्तरित होने के बावजूद आज साढ़े तीन साल बाद भी कार्यालय में पीने के पानी की भी समुचित व्यवस्था नहीं है। किसानों को अपने कार्य के लिए दो से ढाई किलोमीटर पैदल चलकर कार्यालय आना पड़ता है इसका मुख्य कारण रोडवेज बसें उपतहसील कार्यालय मोड़ पर बसों को नहीं रोकती है।
किसानों को डिग्गी मोड व डिग्गी मुख्य बस स्टैण्ड से पैदल चलकर उपतहसील कार्यालय में आना पड़ता है। उपतहसील कार्यालय के अधीन लावा प्रथम व द्वितीय, चौसला, कलमण्डा, चान्दसेन, किरावल, डिग्गी प्रथम, डिग्गी द्वितीय, भीपूर, जयसिंहपुरा, धोली, चबराना, कुटका, कड़ीला, सोड़ा बावड़ी, कुरथल, चान्दसेन, चावण्डिया, अजमेरी, सीतारामपुरा, चैनपुरा, देशमा, सोड़ा, मालूणी के पटवार मण्डल आते है तथा कुल 14 ग्राम पंचायतें शामिल है।
उपतहसील कार्यालय क्षेत्र में वर्तमान में गिरदावर के तीन पद, पटवारी के 4 पद तथा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का एक पद रिक्त चल रहा है। नवीन भवन में संवेदकों द्वारा घटिया सामग्री का प्रयोग करने से भवन में कई स्थानों पर फर्श धंस गई है। पानी की व्यवस्था के लिए नायब तहसीलदार की ओर से जिला कलक्टर टोंक, उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार व जलदाय विभाग के उच्चाधिकारियों को पत्र लिखे जाने के बावजूद आज तक उपतहसील कार्यालय भवन में जलदाय विभाग की ओर से पीने के पानी का कनेक्शन नहीं किया गया है जिससे ग्रामीणों, किसानों सहित कार्यालय के कार्मिकों को भी पेयजल संकट की समस्या से जूझना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने उपतहसील कार्यालय मोड़ पर रोडवेज बसों का ठहराव करने की मांग की है।