दरअसल, केंद्रीय मंत्री पर आरोप लगाया जा रहा था कि उन्होंने अपराधियों को सांसद प्रतिनिधि बनाया है। सदस्यता अभियान की बैठक का भी बहिष्कार हुआ था। पार्टी ने केंद्रीय मंत्री समेत ललिता यादव और मानवेंद्र सिंह को तलब किया था, जिसकी वजह से वीरेंद्र खटीक ने ये फैसला लिया।
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केंद्रीय मंत्री ने लिखा पत्र
केंद्रीय मंत्री ने पत्र में लिखा, मेरी तरफ से जिले में विभिन्न विभागों एवं स्थानों पर कार्य को सहज बनाने के लिए सांसद प्रतिनिधियों की नियुक्ति की गई थी। विभिन्न विषयों के आने के कारण एवं पार्टी की रीति नीति एवं सिद्धांतों के तहत पार्टी हित में समस्त सांसद प्रतिनिधियों की नियुक्ति स्थगित की जाती है।132 लोगों को बनाया सांसद प्रतिनिधि
बता दें कि, टीकमगढ़ लोकसभा सीट से सांसद और केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने सबसे ज्यादा 132 लोगों को सांसद प्रतिनिधि बनाया था। लेकिन सांसद प्रतिनिधियों की नियुक्ति के बाद से ही दोनों जिलों में उनका विरोध हो रहा था। किसी पर क्रिमिनल तो किसी पर माफिया होने तक के आरोप लगे। यह भी पढ़ें- Heavy Rain Alert : जाते-जाते एमपी में तांडव मचाएगा मानसून, 24 जिलों में मूसलाधार बारिश का अलर्ट