टीकमगढ़. कंफर्म टिकट लेकर ट्रेन में सीट न मिलने के मामले को उपभोक्ता फोरम ने सेवा में कमी माना है। इसके लिए रेलवे ने उत्तर मध्य रेलवे के डीआरएम को ग्राहक को सेवा में कमी के लिए 25 हजार रुपए और परिवाद व्यय के 5 हजार रुपए देने का फैसला सुनाया है।
ईदगाह के पास निवास करने वाले राकेश कुमार जैन ने बताया कि 17 दिसंबर 2022 को भोपाल जाने के लिए उन्होंने महामना एक्सप्रेस से रिजर्वेशन कराया था। अपने टिकट के साथ वह ट्रेन में सवार हुए थे तो उसमें बहुत अधिक भीड़ थी। ऐसे में वह टीसी की मदद से टे्रन में सवार हुए और अपनी सीट की मांग की। इस पर टीसी ने उन्हें ललितपुर में भीड़ कम होने पर सीट उपलब्ध कराने की बात कही। इसके बाद ललितपुर में भी भीड़ के चलते उन्हें सीट नहीं मिल सकी। इसकी उन्होंने टीसी से लिखित शिकायत की। वहीं सीट न मिलने पर वह पूरे समय टॉयलेट के पास खड़े रहे और भोपाल तक सफर किया। रेलवे की इस व्यवस्था से परेशान होकर उन्होंने उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया। यहां पर दो साल चले परिवार के बाद फोरम ने रिजर्वेशन के बाद भी ग्राहक को सीट उपलब्ध न करा पाने को सेवा में कमी मानते हुए उत्तर मध्य रेलवे झांसी के डीआरएम को 30 दिन के अंदर सेवा में कमी एवं परिवार व्यय की राशि दिलाने की मांग की है।
ईदगाह के पास निवास करने वाले राकेश कुमार जैन ने बताया कि 17 दिसंबर 2022 को भोपाल जाने के लिए उन्होंने महामना एक्सप्रेस से रिजर्वेशन कराया था। अपने टिकट के साथ वह ट्रेन में सवार हुए थे तो उसमें बहुत अधिक भीड़ थी। ऐसे में वह टीसी की मदद से टे्रन में सवार हुए और अपनी सीट की मांग की। इस पर टीसी ने उन्हें ललितपुर में भीड़ कम होने पर सीट उपलब्ध कराने की बात कही। इसके बाद ललितपुर में भी भीड़ के चलते उन्हें सीट नहीं मिल सकी। इसकी उन्होंने टीसी से लिखित शिकायत की। वहीं सीट न मिलने पर वह पूरे समय टॉयलेट के पास खड़े रहे और भोपाल तक सफर किया। रेलवे की इस व्यवस्था से परेशान होकर उन्होंने उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया। यहां पर दो साल चले परिवार के बाद फोरम ने रिजर्वेशन के बाद भी ग्राहक को सीट उपलब्ध न करा पाने को सेवा में कमी मानते हुए उत्तर मध्य रेलवे झांसी के डीआरएम को 30 दिन के अंदर सेवा में कमी एवं परिवार व्यय की राशि दिलाने की मांग की है।
सीट दिलाना जिम्मेदारी
फोरम ने अपने निर्णय में बताया है कि रेल अधिनियम 1989 की धारा 155 बी के उपबंध के अनुसार रिजर्वेशन सीट या बर्थ पर यदि कोई अनाधिकृत व्यक्ति है तो उसे हटाने और उस पर 500 रुपए तक जुर्माना लगाने की जिम्मेदारी रेलवे की है, लेकिन रेलवे ने ग्राहक राकेश के लिए कोई प्रयास नहीं किया। वहीं फोरम ने टिप्पणी की है कि लोग सुगम यात्रा के लिए अतिरिक्त शुक्ल देकर रिजर्वेशन टिकट लेते है। लोगों का मानना होता है कि उनकी सीट सुरक्षित है और यात्रा आसानी से होगी। ऐसे में रिजर्वेशन टिकट होने के बाद भी सीट न मिलना सेवा में कमी है।
फोरम ने अपने निर्णय में बताया है कि रेल अधिनियम 1989 की धारा 155 बी के उपबंध के अनुसार रिजर्वेशन सीट या बर्थ पर यदि कोई अनाधिकृत व्यक्ति है तो उसे हटाने और उस पर 500 रुपए तक जुर्माना लगाने की जिम्मेदारी रेलवे की है, लेकिन रेलवे ने ग्राहक राकेश के लिए कोई प्रयास नहीं किया। वहीं फोरम ने टिप्पणी की है कि लोग सुगम यात्रा के लिए अतिरिक्त शुक्ल देकर रिजर्वेशन टिकट लेते है। लोगों का मानना होता है कि उनकी सीट सुरक्षित है और यात्रा आसानी से होगी। ऐसे में रिजर्वेशन टिकट होने के बाद भी सीट न मिलना सेवा में कमी है।