टीकमगढ़. एक दिन पहले बौरी मंदिर के पास तालाब जोड़ो परियोजना की जामनी हरपुरा नहर टूट गई थी। शुक्रवार को दरगांय कलां और मोहनगढ़ के फुटेरा कुआं गांव के पास टूट गई है। छह महीने पहले मझगुवां के चंदोखा हार में टूट गई थी। नहर टूटने से अब तालाबों का भरना मुश्किल दिखाई दे रहा है। जिम्मेदारों की लापरवाही से किसानों को परेशान कर देंगी। जबकि ८ करोड २४ लाख रुपए की लागत से पिछले महीनों में मरम्मत कार्य किया गया है।
बताया गया कि अभी जामनी नदी का पानी हरपुरा में आना बंद है। बारिश में एकत्र हुए पानी के भराव से नहर तीन स्थानों से टूट गई है। अब तालाबों में तालाबों को भरने की संभावना कम दिखाई दे रही है। स्थानीय लोगों का कहना था कि बौरी में चार पहले और दरगांय कला में सात साल पहले नहर टूट गई थी। उसी स्थान पर फिर से टूट गई थी। यह स्थिति मरम्मत कार्य कमजोर होने से बन रही है। जिससे किसानों को चिंता हो गई है।
बताया गया कि अभी जामनी नदी का पानी हरपुरा में आना बंद है। बारिश में एकत्र हुए पानी के भराव से नहर तीन स्थानों से टूट गई है। अब तालाबों में तालाबों को भरने की संभावना कम दिखाई दे रही है। स्थानीय लोगों का कहना था कि बौरी में चार पहले और दरगांय कला में सात साल पहले नहर टूट गई थी। उसी स्थान पर फिर से टूट गई थी। यह स्थिति मरम्मत कार्य कमजोर होने से बन रही है। जिससे किसानों को चिंता हो गई है।
दो दिन बाद दो स्थानों से टूटी नहर
बुधवार को दरगांय कलां गांव के पास नहर टूट गई थी। गुरुवार को बौरी मंदिर के पास, शुक्रवार को मोहनगढ़ तालाब के पहले फुटेरा कुआं गांव के पास और छह महीने पहले जनवरी में मझगुवां के चंदोखा हार में नहर टूट गई थी। पानी के बहाव से खेतों की मिट्टी और फसल खराब हो गई है। वहीं एक तालाब में पानी जाने से उसके फटने की संभावना जताई जा रही है। किसानों ने बताया कि जिम्मेदारों की लापरवाही से ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
८ करोड २४ लाख का मरम्मत कार्य नहीं आया काम
पिछले महीने जल संसाधन विभाग के ठेकेदार द्वारा ८ करोड २४ लाख रुपए से हरपुरा नहर का मरम्मत कार्य किया गया था। उसमें पानी के अधिक बहाव को रोकने के लिए हरपुरा से मोहनगढ़ तक तीन स्ट्रैक्चर खड़े किए गए थे। लेकिन वह स्ट्रेक्चर काम नहीं आए है। सावन की पहली बारिश के पास से नहर तीन स्थानों से टूट गई है।
४४ किमी लंबी बनी हरपुरा नहर
किसानों ने बताया कि हरपुरा जामनी नदी से मोहनगढ़ तक ४४.२८ किमी लंबी नहर ४१ करोड ३३ लाख रुपए से निर्माण की गई है। २२.९० एमसीएम पानी का उपयोग करने के बाद १९८० हेक्टेयर की सिंचाई ११ तालाबों से किए जाने का प्यान बनाया गया था। लेकिन ११ वर्षों में दर्जनों बार नहर टूट गई है।