जतारा. चाहे मनरेगा के काम हो या अन्य कोई योजना। क्षेत्र की पंचायतें अक्सर विवादों में रहती है। ऐसे ही मामला पलेरा जनपद की ग्राम पंचायत कछियागुड़ा का सामने आया है। यहां पर पंचायत ने एक किसान से 1.78 लाख रुपए का भूसा खरीदा है। पंचायत द्वारा बिल बना कर किए गए इस भुगतान की जानकारी सामने आने पर लोगों ने इसकी जांच की मांग की है। लोगों का कहना है कि जिस किसान से यह भूसा खरीदी दिखाई गई है, उसके पास कुछ एक एकड़ के आसपास ही जमीन है।
ग्राम पंचायत कछियागुड़ा में गोशाला के भूसा खरीदी का किसान कोमल प्रजापति को 1.78 लाख रुपए का भुगतान किया गया है। लोगों को जब इस भुगतान की जानकारी हुई तो उन्होंने सवाल उठाने शुरू कर दिया। लोगों का कहना है कि कोमल प्रजापति के पास कुल 3 बीघा (लगभग एक एकड़) जमीन है। इतनी जमीन पर इतना भूसा होना किसी प्रकार से संभव नहीं है। ऐसे में लोग इस भुगतान को लेकर संशय जता रहे है और जांच की मांग कर रहे है। वहीं लोगों भूसा खरीदी के हिसाब से गोशाला में गायों की संख्या को लेकर भी आपत्ति जता रहे है। लोगों ने इन कछियागुड़ा के साथ ही आसपास के गांवों की गोशालाओं की भी जांच कराने की मांग की है। लोगों का कहना है कि यह गोशालाएं केवल कागजों में चल रही है। हकीकत तो सड़कों पर बैठा गोवंश खुद बयां कर रहा है। वहीं इस भुगतान को लेकर पंचायत के सचिव जहां अपना ही तर्क दे रहे है, वहीं जनपद सीईओ इसकी जांच कराने की बात कह रहे है। सचिव सत्येंद्र सिंह जादौन का कहना है कि हमने तो किसान कोमल से पूरा भूसा क्रय किया है, अब वह कहां से लाया, इसकी हमें जानकारी नहीं है। सचिव से पूछा गया कि जब वह इतना अधिक भूसा बेच रहा है तो क्या जीएसटी नंबर लिया है, इस पर उनका कहना था कि इसकी उन्हें जानकारी नहीं है और किसानों पर यह लागू नहीं होता है।
मुझे इस मामले की जानकारी हुई है। मैं इसकी जांच कराऊंगा। यदि गड़बड़ी पाई जाती है तो कार्रवाई की जाएगी।
ग्राम पंचायत कछियागुड़ा में गोशाला के भूसा खरीदी का किसान कोमल प्रजापति को 1.78 लाख रुपए का भुगतान किया गया है। लोगों को जब इस भुगतान की जानकारी हुई तो उन्होंने सवाल उठाने शुरू कर दिया। लोगों का कहना है कि कोमल प्रजापति के पास कुल 3 बीघा (लगभग एक एकड़) जमीन है। इतनी जमीन पर इतना भूसा होना किसी प्रकार से संभव नहीं है। ऐसे में लोग इस भुगतान को लेकर संशय जता रहे है और जांच की मांग कर रहे है। वहीं लोगों भूसा खरीदी के हिसाब से गोशाला में गायों की संख्या को लेकर भी आपत्ति जता रहे है। लोगों ने इन कछियागुड़ा के साथ ही आसपास के गांवों की गोशालाओं की भी जांच कराने की मांग की है। लोगों का कहना है कि यह गोशालाएं केवल कागजों में चल रही है। हकीकत तो सड़कों पर बैठा गोवंश खुद बयां कर रहा है। वहीं इस भुगतान को लेकर पंचायत के सचिव जहां अपना ही तर्क दे रहे है, वहीं जनपद सीईओ इसकी जांच कराने की बात कह रहे है। सचिव सत्येंद्र सिंह जादौन का कहना है कि हमने तो किसान कोमल से पूरा भूसा क्रय किया है, अब वह कहां से लाया, इसकी हमें जानकारी नहीं है। सचिव से पूछा गया कि जब वह इतना अधिक भूसा बेच रहा है तो क्या जीएसटी नंबर लिया है, इस पर उनका कहना था कि इसकी उन्हें जानकारी नहीं है और किसानों पर यह लागू नहीं होता है।
मुझे इस मामले की जानकारी हुई है। मैं इसकी जांच कराऊंगा। यदि गड़बड़ी पाई जाती है तो कार्रवाई की जाएगी।
– सिद्ध गोपाल वर्मा, सीईओ, जनपद पंचायत पलेरा।