एक ओर जहां भारत में कई प्राचीन मंदिर हैं, जिनसे लोगों की आस्था जुडी हुई है। वही केवल भारत में ही नहीं इसके अलावा विदेशों में भी कई सारे मंदिर ऐसे हैं जिन्हें देखकर श्रद्धालुओं की आंखेंं खुली की खुली रह जाती है। इन मंदिरों के चमत्कार और इनके वास्तुकला के चर्चे पूरी दुनिया में हैं। आइए आज हम आपको बताते हैं विदेशों में स्थित इन विशाल एवं विख्यात मंदिरों के बारे में…
1 . अंकोरवाट, कंबोडिया
कंबोडिया स्थित अंकोरवाट विश्व का सबसे बड़ा हिन्दू मन्दिर परिसर और धार्मिक स्मारक है। इसके आसपास कई प्राचीन मंदिर और उनके भग्नावशेष भी मौजूद हैं। इस क्षेत्र को अंगकोर पार्क भी कहा जाता है। कहा यह भी जाता है कि स्वयं देवराज इन्द्र ने अपने बेटे के महल के तौर पर इस मंदिर का निर्माण करवाया था।
कंबोडिया ( Cambodia ) स्थित ये विष्णु मंदिर विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक स्थल है। ये मंदिर 400 एकड़ में फैला हुआ है। इस विशाल मंदिर का निर्माण खमेर साम्राज्य के राजा सूर्यवर्मा द्वितीय (Raja Suryaverma Second) ने (1049-66 ई.) करवाया था। अब यह एक विश्व विरासत स्थल बन चुका है, कंबाेडिया के राष्ट्रीय ध्वज में भी अंकोरवाट को स्थान दिया गया है। मंदिर की बनावट और कलकारी अद्भुत है।
2. अक्षरधाम मंदिर, USA
न्यू जर्सी का अक्षरधाम मंदिर अमेरिका का सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर है। स्वामीनारायण जी के मंदिर के साथ-साथ अक्षरधाम के परिसर में भारतीय इतिहास एवं संस्कृति के विषय में जानकारी देता एक बड़ा संग्रहालय भी है। अमेरिका के इस अक्षरधाम मंदिर की भव्यता को शब्दों में पिरोया नहीं जा सकता।
संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) के न्यू जर्सी (New Jersey) में स्थित अक्षरधाम मंदिर के चर्चे तो संपूर्ण विश्व में है। ये अक्षरधाम मंदिर (Akshardham Mandir) परिसर करीब 160 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। इसके निर्माण में यूज किये गए पत्थरों को यूरोप से मंगवाया गया था। उसके बाद इन्हें राजस्थान में हाथों से तराशकर तैयार किया गया था। ये मंदिर चार मंजिला है जिसमें भारतीय धरोहर, इतिहास और संस्कृति की प्रदर्शनी लगाई गई है।
3. दत्तात्रेय मंदिर, Trinidad and Tobago
त्रिनिदाद और टोबैगो (Trinidad and Tobago) में दत्तात्रेय मंदिर द्रविड़ शैली का एक बेहतरीन उदाहरण है। यहां हनुमान जी की 85 फीट ऊंची विशाल प्रतिमा आकर्षण का केंद्र है। मंदिर के प्रांगण में एक योग केंद्र भी चलाया जाता है। इस योग केंद्र की स्थापना 1986 में हुआ था और इस मंदिर का निर्माण 2003 में पूरा हुआ। त्रिनिदाद और टोबैगो में सनातन संस्कृति का खूब संरक्षण किया जा रहा है।
उत्तर भारतीय मंदिरों की तरह इस मंदिर के द्वार पर भी दो अलंकृत हाथी स्थापित हैं। साथ ही दो नर्तकियां स्वागत के लिए यहाँ खड़ी हैं। मंदिर के अन्दर ऊपर हिस्से पर खूबसूरत चित्रकारी की गयी है। इसमें विभिन्न वाद्य को बजाते हुए कलाकार उत्कीर्ण हैं। यहाँ पर चार मंदिर स्थापित हैं। इन मंदिरों को गौर से देखें तो इनका आकार मानव जैसा है।
4. ढाकेश्वरी मंदिर,Bangaladesh
यह मंदिर बांग्लादेश (Bangaladesh Dhakeshwari Temple) में स्थित है। ढाकेश्वरी मन्दिर बांग्लादेश के ढाका नगर का सबसे महत्वपूर्ण मन्दिर है। इन्हीं ढाकेश्वरी देवी के नाम पर ही बांग्लादेश की राजधानी ढाका का नामकरण हुआ है। भारत के विभाजन से पहले तक ढाकेश्वरी देवी मन्दिर सम्पूर्ण भारत के शक्तिपूजक समाज के लिए आस्था का बहुत बड़ा केन्द्र था। ढाकेश्वरी पीठ की गिनती 52 शक्तिपीठ में की जाती है ।
कहते हैं कि 12 वीं शताब्दी में सेन राजा बल्लाल सेन ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था. मान्यता के अनुसार यहां देवी सती के आभूषण गिरे थे। बांग्लादेश में यह मंदिर हिंदुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है क्योंकि माता रानी का ये मंदिर चमत्कारी मंदिर है।
5. बातू गुफा मंदिर, Kuala Lumpur, Malaysia
विदेशी मंदिरों में मलेशिया के क्वालालंपुर (Kuala Lumpur, Malaysia) के पास गोम्बैक जिले में स्थित यह मंदिर शिव व पार्वती के ज्येष्ठ पुत्र कार्तिकेय (मुरुगन) को समर्पित है। यह पहाड़ी मलेशिया की राजधानी क्वालालम्पुर से 13 किलोमीटर (8 मील) दूर है। यह मंदिर चूना पत्थर के पहाड़ों के बीच स्थित है। इस गुफा मंदिर तक पहुंचने के लिए 272 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती है. मंदिर का मुख्य आकर्षण इसके द्वार पर प्रभु मुरुगन की 140 फीट ऊंची भव्य प्रतिमा है। इसका यह नाम इसे पहाड़ी के पीछे बहने वाली बातू नदी से मिला है, इसके साथ ही पास के एक गाँव का नाम भी बातू गुफा है। यहां की गुफा भारत से बाहर हिंदुओं का एक बहुत प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, विशेष रूप से तमिल लोगों के लिए।