sidhpeeth chudamani devi temple
यूं तो हमें बचपन से ही सिखाया जाता है कि चोरी करना पाप है लेकिन भारत में एक
मंदिर ऐसा भी है जहां मन्नत मांगने के लिए चोरी करनी पड़ती है। जी हां,
उत्तराखंड के चुड़ियाला गांव का सिद्धपीठ चूड़ामणि देवी का मंदिर एक ऐसा ही स्थान है। कहा जाता है कि जब तक आप यहां पर चोरी नहीं करेंगे, आपकी मनोकामना पूरी नहीं हो सकेगी।
मां ने दिया था राजा को पुत्र प्राप्ति का वरदानगांव के स्थानीय निवासियों के अनुसार मंदिर की कथा लंढौरा रियासत के महाराजा से जुड़ी हुई है। उन्होंने ही आज से 200 वर्ष पूर्व ईस्वी 1805 में इस मंदिर का निर्माण करवाया था। किंवदंती है कि राजा के कोई पुत्र नहीं था। उन्हें पुत्र प्राप्ति की कामना थी। ऐसे में एक बार वो शिकार खेलते हुए दूर जंगल में चले गए जहां उन्हें माता की पिंडी के दर्शन हुए। इस पर राजा ने मां से अपने लिए पुत्र प्राप्ति का वरदान मांगा। मां ने उनकी इच्छा पूरी की।
अपनी मनोकामना पूर्ण होने पर राजा ने वहां माता के लिए मंदिर का निर्माण करवाया। वर्तमान में इस मंदिर में दूर-दूर से लोग दर्शन करने आते हैं और मन्नत मांगते हैं।
यहां चोरी करना शुभ माना जाता हैसिद्धपीठ चूड़ामणि देवी के मंदिर के बारे में मान्यता है कि जो भी दंपति इस मंदिर में आकर माता के चरणों में रखा लोकड़ा (उत्तराखंड में लकड़ी के गुड्डे को लोकड़ा कहा जाता है) चोरी करके अपने साथ ले जाएं तो उसके यहां बेटा अवश्य पैदा होता है।
बेटा होने के बाद उस दंपति को एस बार फिर माता के मंदिर में शीश नवाने के लिए आना होता है। कहा जाता है कि पुत्र होने पर भंडारा करवाना होता है। इसेक अलावा दंपती यहां से चोरी कर ले गए लोकड़े के साथ ही एक अन्य लोकड़ा भी अपने पुत्र के हाथों देवी के चरणों में चढ़वाते हैं।