मंदिर

कोयल बनकर शनिदेव को दर्शन दिए थे भगवान कृष्ण, यहां वरदायक बन जाते हैं दंडनायक शनि

कोयल बनकर शनिदेव को दर्शन दिए थे भगवान कृष्ण, यहां वरदायक बन जाते हैं दंडनायक शनि

May 31, 2019 / 11:38 am

Pawan Tiwari

कोयल बनकर शनिदेव को दर्शन दिए थे भगवान कृष्ण, यहां इच्छा वरदायक बन जाते हैं दंडनायक शनि

त्तर प्रदेश के मथुरा के कोसीकलां गांव के पास शनिदेव के एक और सिद्ध धाम है, जहां दर्शन मात्र से ही सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। माना जाता है कि यहां परिक्रमा करने से सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। कहा जाता है भगवान श्री कृष्ण कोयल बनकर यहां शनिदेव को दर्शन दिए थे और वरदान दिए थे कि जो भी व्यक्ति कोकिलावन का श्रद्धा और भक्ति के साथ परिक्रमा करेगा, उसके सभी कष्ट दूर हो जाएंगे।
भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप के दर्शन करने गए थे शनिदेव

कोकिलावन तीर्थस्थल मथुरा शहर के नंदगांव में स्थित है। यहां शनिदेव का प्राचीन मंदिर बना हुआ है। माना जाता है कि द्वापरयुग में शनिदेव अपने आराध्य भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप के दर्शन करने के लिए नंदगांव आए थे। शनि को नंद बाबा ने रोक दिया, क्‍योंकि वे उनकी वक्र दृष्‍टि से भयभीत थे। तब दुखी शनि को सांत्‍वना देने के लिए कृष्‍ण ने संदेश दिया कि वे नंद गांव के निकट वन में उनकी तपस्‍या करें, वे वहीं दर्शन देने के लिए प्रकट होंगे। तब शनि ने इस स्‍थान पर पर तप किया। उसके बाद भगवान श्री कृष्‍ण ने कोयल रूप में उन्‍हें दर्शन दिया। उसके बाद भगवान श्री कृष्ण की आज्ञा से वे कोकिलावन धाम में ही रहने लगे।
कोकिलावन धाम नाम पड़ा

यही कारण है कि इस स्‍थान का नाम कोकिला वन पड़ा। साथ ही कृष्‍ण ने शनिदेव को आर्शिवाद दिया कि वे वहीं विराजमान हो जाए और इस स्‍थान पर जो उनके दर्शन करेगा उस पर शनि की दृष्‍टि वक्र नहीं पड़ेगी बल्‍की उनकी इच्‍छा पूर्ण होगी। साथ ही भगवान कृष्ण ने भी उनके साथ वहीं रहने का वादा किया। तब से ही शनिदेव के बाईं ओर कृष्‍ण, राधा जी के साथ विराजमान हैं। भक्तगण यहां किसी प्रकार की परेशानी लेकर आते हैं तो शनिदेव उनकी परेशानी दूर कर देते हैं और सभी कष्ट हर लेते हैं।
 

kokilavan shani temple
सवा कोस की परिक्रमा फिर स्नान

माना जाता है कि यहां आने वाले सभी लोगों की मनोकामना पूर्ण होती है। इसी उम्मीद के साथ यहां शनिवार के दिन दूर-दूर से सैकड़ों भक्तगण अपनी फरियाद लेकर आते हैं और अपनी झोली भरकर जाते हैं। शनिवार के दिन यहां भारी भीड़ होती है। देश-विदेश से कृष्ण दर्शन को मथुरा आने वाले हजारों श्रद्धालु यहां आकर शनिदेव के दर्शन करते हैं, फिर कोकिलावन धाम की सवा कोसीय परिक्रमा करते हैं। उसके बाद सूर्यकुंड में स्नान कर शनिदेव की प्रतिमा पर तेल आदि चढ़ाकर पूजा अर्चना करते हैं।

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