दोनों मेहमान घायल
हादसे में घायल काना सूखा देवीपूजक और दिनेश विरमगामी रविवार को इस बिल्डिंग के ग्राउन्ड फ्लोर पर रहने वाले सुरेश पोपटलाल विरमगामी के घर मिलने आए थे। जिस दौरान हादसा हुआ दोनों गैलरी में चाय नाश्ता कर रहे थे और मलबा गिरने से घायल हो गए। बताया गया है कि घायल किशोरी भी हादसे के दौरान गैलरी में पढ़ रही थी।
आसपास की बिल्डिंगों में रहने वाले कई लोगों ने बताया कि सुबह से ही गणेश विसर्जन की तैयारी हो रही थी। छज्जा गिरने से लोगों ने जोर से धमाके की तरह आवाज सुनी तो पहले समझा कि पटाखे फूट रहे हैं। कुछ देर बाद चीख पुकार सुनकर किसी अनहोनी की आशंका से सहमे लोग बाहर निकले थे। गौरतलब है कि हादसे में आठ घरों को नुकसान हुआ है। हालांकि लोगों के लिए राहत की बात रही कि ज्यादा लोग घायल नहीं हुए, लेकिन घरों में काफी नुकसान होने के कारण पीडि़त परिवार डरे सहमे बाहर बैठे रहे। लोगों की सात्वंना पर उनके आंसू निकल रहे थे। लोगों को अब रहने के अलावा नष्ट हुई गृहस्थी को फिर से संवारने की चिंता खाए जा रही थी।
हादसे के बाद यहां रहने वालों में काफी गुस्सा दिखा। बुजुर्ग प्रवीणचंद्र पांचाल ने सरकार और प्रशासन पर आरोप लगाया कि बिल्डरों को यहां की जमीन देने के लिए रिडवलपमेन्ट की मंजूरी नहीं दी जा रही है। उन्होंने बताया कि लोगों ने रजिस्टर्ड सोसायटी बनाकर उसके लेटर पैड पर यहां की जर्जर इमारतों के रिडवलमेन्ट करने या लोगों को स्वयं ही करने देने की इजाजत मांगी। इसके लिए तहसीलदार व स्थानीय विधायक से लेकर गांधीनगर तक आवेदन दिया गया, लेकिन आज तक मंजूरी नहीं मिली। उन्होंने आरोप लगाया कि दस्तावेज के नाम लोगों ने 60 से लेकर 70 हजार रुपए जमा भी कर दिए , फिर भी अभी तक रजिस्ट्री लोगों के नाम नहीं की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन और नेता चाहते हैं कि जर्जर होकर बिल्ंिडग गिरे और लोगों को यहां से घर खाली करवाकर बिल्डरों के हवाले कर दिया जाएगा। अन्य लोगों ने भी आरोप लगाया कि हादसे के बाद यहां आने वाले नेताओं का उद्देश्य लोगों के आंसू पोछने से ज्यादा अपना फोटो खिंचवाना होता है।