साध्वी दिगंतप्रज्ञाश्री बनी देवांशी सूरत व गुजरात की बड़ी हीरा कंपनी संघवी एंड संस के मोहन संघवी के एकमात्र पुत्र धनेश संघवी की बेटी है। संघवी की कंपनी की देश व दुनिया में कई शहरों में शाखाएं है और सौ करोड़ से ज्यादा का सालाना टर्नओवर है। धनाढ्य परिवार की देवांशी पर उनके परिवार के सादगीभरे व धार्मिक जीवन का अधिक असर रहा। इसी का परिणाम है कि देवांशी ने दो वर्ष की उम्र में उपवास, 6 वर्ष की उम्र में विहार, 7 वर्ष की उम्र में पौषध जैसी तप आराधना पूर्ण कर ली। माता-पिता अमी व धनेश संघवी के मुताबिक देवांशी ने कभी टीवी नहीं देखा और जैन धर्म में प्रतिबंधित वस्तुओं का कभी उपयोग नहीं किया। धार्मिक प्रवत्ति के संघवी परिवार ने राजस्थान के सिरोही जिले में स्थित माउंट आबू की तलहटी में भेरुतारक तीर्थ का निर्माण करवाया है।
-बलर फार्म में बनाया भव्य मंडप-पंडाल राजस्थान के मालगांव निवासी भेरुमल हुकमीचंद संघवी परिवार ने देवांशी दीक्षा दानम महोत्सव के लिए शहर में वेसू स्थित बलर फार्म में भव्य मंडप-पंडाल का निर्माण करवाया। पंडाल के ठीक सामने विशालकाय मंच और पैवेलियन के समान दीक्षा महोत्सव देखने वाले लोगों के लिए बैठक व्यवस्था यहां की गई थी। इससे पूर्व मंगलवार को अठवालाइंस समेत अन्य मार्गों से होकर गुजरी वर्षीदान शोभायात्रा में हाथी-घोड़े, ऊंट, बैंड-बाजे, नृत्य मंडलियां आदि शामिल रही थी। शोभायात्रा के दौरान चार स्थल लालबंगला, पार्ले पॉइंट, पीपलोद, राहुलराज मॉल के पास वर्षीदान के आयोजन किए गए थे।