सूरत

शुभ कार्यों पर लगी रोक

पूर्णिमा का पहला श्राद्ध आयोजित, अमावस्या तक मनाएंगे पितृपक्ष

सूरतSep 24, 2018 / 09:16 pm

Dinesh Bhardwaj

शुभ कार्यों पर लगी रोक

सूरत. भाद्रपद पूर्णिमा सोमवार से पितृपक्ष की शुरुआत हो गई और श्रद्धालुओं ने पूर्णिमा का पहला श्राद्धकर्म पंडितों के सानिध्य में किया। पितृपक्ष अर्थात श्राद्ध पक्ष की शुरुआत होने के साथ ही शुभकार्यों पर रोक लग गई है।
ज्योतिष मत से भाद्रपद पूर्णिमा से आश्विन अमावस्या तक श्राद्ध पक्ष माना जाता है और इस सोलह दिवसीय अवधि में श्रद्धालुजन पितरों के प्रति श्रद्धाभक्ति प्रकट की जाती है। शास्त्रों के अनुसार पितृपक्ष में नए कार्य शुरू करना वर्जित माना है। इसमें मुंडन संस्कार, गृहप्रवेश, व्यापार आरम्भ जैसे कोई शुभ कार्य इन दिनों में नहीं हो सकेंगे। वहीं, 9 अक्टूबर तक आयोजित श्राद्ध पक्ष में इस बार किसी तिथि का लोप नहीं होने से पितृपक्ष आश्विन अमावस्या तक सोलह दिवसीय रहेगा। श्राद्ध पक्ष के पहले दिन पूर्णिमा का श्राद्ध कर्म करते हुए श्रद्धालुओं ने अपने पितरों के प्रति पूजा-आराधना के माध्यम से श्रद्धाभावना प्रकट की।

तापी किनारे पूजन-अर्चन


भाद्रपद पूर्णिमा से शुरू हुए श्राद्ध पक्ष के पहले दिन सोमवार को जहां श्रद्धालुओं ने घरों में पितरों को मनाया वहीं, तापी नदी के किनारे भी सामूहिक रूप से पितृ पूजन किया गया। इसमें अश्विनीकुमार क्षेत्र में तापी नदी पर पांच पांडव घाट पर कई श्रद्धालु जमा हुए और पंडितों की उपस्थिति में तापी स्नान, तर्पण कर्म, पिंडदान, कथा श्रवण समेत अन्य कई धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लिया।

नर सेवा-नारायण सेवा भी होगी


सोमवार से शुरू हुए श्राद्ध पक्ष में डॉ. आंबेडकर वनवासी कल्याण ट्रस्ट नर सेवा-नारायण सेवा के तहत पूर्वजों की स्मृति में वनवासी व वंचितों के स्वावलंबन कार्यों में सहायक बनेगा। ट्रस्ट के ओमप्रकाश भूतड़ा ने बताया कि पितृपक्ष के दौरान बहनों को सिलाई प्रशिक्षण, बाल स्वास्थ्य, संस्कार केंद्र, पुस्तकालय, शिक्षा व छात्रावास आदि की व्यवस्था श्रद्धालुओं के सहयोग से की जाएगी।

नवरात्र की होगी शुरुआत


सोलह दिवसीय श्राद्ध पक्ष की शुरुआत भाद्रपद पूर्णिमा सोमवार से हो गई और यह आश्विन अमावस्या नौ अक्टूबर तक चलेगा। इस दौरान शुभ कार्य नहीं किए जा सकेंगे, लेकिन आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से नवरात्र पर्व की शुरुआत होगी और सूरत समेत प्रदेशभर में मां भगवती की पूजा-आराधना व गरबा का दौर शुरू हो जाएगा। नवरात्र पर्व में सहस्रचंडी महायज्ञ, श्रीरामचरित मानस पाठ, रामलीला आदि के आयोजन होंगे।

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