किसानों ने उचित मुआवजा नहीं मिलने का आरोप लगाते हुए हाइकोर्ट में जमीन अधिग्रहण के खिलाफ आवाज उठाई थी। चौर्यासी तहसील के वक्ताणा गांव में रविवार को जमीन अधिग्रहण से प्रभावित किसान भूपेन्द्र मेहता ने हाइकोर्ट से याचिका वापस लेने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किसानों की मुख्य मांग अधिक मुआवजे की थी। ग्रामीण क्षेत्रों में चार गुणा मुआवजे और जंत्री में बढ़ोतरी की मांग स्वीकार कर ली गई है।
इसके अलावा कामरेज तहसील के यूएलसी विस्तार के सभी ब्लॉक नम्बर की जमीन का पूरा मुआवजा देने पर भी सरकार ने सहमुत जताई है। भूपेन्द्र ने बताया कि सूरत कलक्टर धवल पटेल और कामरेज प्रांत अधिकारी किरीट सिंह वाघेला ने किसानों की मांगों को सरकार तक पहुंचा कर अमल करवाया। अधिकारियों ने बताया कि भरुच, वलसाड और वड़ोदरा के गांवों में जमीन मापने का काम पहले ही पूरा हो चुका है। सूरत जिले में रविवार को अंत्रोली गांव में जमीन मापने का कार्य शुरू कर दिया गया।
हाइकोर्ट में याचिका दायर करने वाले सूरत जिले की चौर्यासी तहसील के वक्ताना गांव निवासी प्रवीण धीरु मेहता, कोसमाडा के समीर हेमंत पटेल, अंत्रोली के बालू चंदु पटेल, भावेश दिग्विजय सिंह बारड और हिरेन लाड ने याचिकाएं वापस ले ली हैं।
सूरत जिले के पांच किसानों ने हाइकोर्ट में दायर याचिकाएं वापस ले ली हैं। जिले के अंत्रोली गांव में बुलेट ट्रेन के लिए जमीन मापने का कार्य शुरू हो गया है। धवल पटेल, कलक्टर, सूरत
१८५ गांवों में जमीन संपादन पूरा
सूत्रों ने बताया कि बुलेट ट्रेन के लिए राज्य के आठ जिलों के १९६ गांवों में करीब ६८१ हेक्टर जमीन का संपादन किया जाना है। जमीन संपादन का कार्य तेजी से चल रहा है। १८५ गांवों में जमीन संपादन दूसरे चरण में पहुंच गया है। राज्य सरकार ने किसानों को जमीन का चार गुणा मूल्य तथा मुआवजे पर पच्चीस फीसदी अतिरिक्त मुआवजा देने का आश्वासन दिया है। जंत्री कीमत बढ़ाने के लिए इनकम टैक्स इंडेक्स फॉर्मूला लागू किया गया है। इससे मुआवजे की राशि बढ़ जाएगी।