पीडि़त संजय व नंदकिशोर दोनों एक दूसरे को लंबे समय से जानते थे। नंदकिशोर ने संजय को रसिकविला अपार्टमेंट स्थित रिहायशी फ्लैट बेचने के बारे में बात की। 7 अप्रेल 2021 को दोनों बीच एक करोड़ 80 लाख 99 हजार 700 रुपए में फ्लैट का सौदा तय हुआ। उस दौरान नंद किशोर ने उन्हें बताया कि फ्लैट पर लोन लिया हुआ है।
पेमेंट मिलने पर वह लोन चुका देगा और बैंक से एनओसी लेकर फ्लैट के दस्तावेज उनके नाम पर करवा देगा। परिचित होने के कारण संजय ने भरोसा कर टोकन मनी के तौर पर 11 लाख रुपए दे दिए। उसके बाद 19 मार्च 2022 तक टुकड़ों में शेष एक करोड़ 69 लाख रुपए का भी भुगतान कर दिया।
कुल एक करोड़ 80 लाख चुकाने के बाद पीडि़त ने फ्लैट के दस्तावेज उनके नाम करवाने की बात की लेकिन नंदकिशोर व मैना ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने बैंक का बकाया लोन जमाकर एनओसी भी नहीं ली। बहाने बना कर उन्हें टालते रहे। काफी समय बाद भी जब उन्होंने दस्तावेज बना कर नहीं दिए तो पीडि़त ने अपने रुपए वापस मांगे।
इस पर उन्होंने रुपए लौटाने से इनकार करते हुए जो करना हो कर लेने की धमकी दी। इस पर पीडि़त ने वेसू थाने में लिखित शिकायत दी। जिसके आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज किया। मामले की जांच महिला पुलिस उप निरीक्षक ए.एम.वसावा को सौंपी गई है।