बीजेपी की सांसें 6 लोकसभा सीटों पर अटकी
बीजेपी उत्तर प्रदेश में मिशन 80 का दावा कर रही है लेकिन अंतिम के बचे इन दो चरणों में लोकसभा की ऐसी 6 सीटें हैं जिन पर पार्टी की सांसें अटकी हुई है। इन सीटों पर बीजेपी को बहुत कम अंतर से जीत मिल पाई है। ये सीटें हैं मछली शहर, चंदौली, सुल्तानपुर, बलिया, बस्ती और कौशांबी, जहां भाजपा हारते-हारते बच गई। ऐसे में अगर थोड़ा भी वोट परिवर्तन होता है तो विरोधी पक्ष को इसका फायदा मिल सकता है। यह भी पढ़ें
फलोदी सट्टा बाजार के दावों ने फिर से चौंकाया, यूपी में बीजेपी को घटाया सपा गठबंधन को बढ़ाया
बीजेपी के लिए पूर्वांचल की 6 लोकसभा सीटें बनी सिरदर्द
2019 के लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा मिलकर चुनाव लड़े थे। जो उस समय का सबसे मजबूत गठबंधन माना जाता है। इनमें मछलीशहर लोकसभा ऐसी सीट थी जिस पर बीजेपी को कड़ी टक्कर मिली थी। इस सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार बीपी सरोज मात्र 181 वोटों के मामूली अंतर से जीते थे। इस बार भी यहां कड़ा मुकाबला है। चंदौली लोकसभा सीट पर भी बीजेपी कम अंतर से जीती थी। इस सीट पर बीजेपी के महेंद्र नाथ पांडेय ने 13,959 वोटों से जीत दर्ज की थी। बीजेपी ने इस बार भी उन्हीं पर दांव लगाया है। वहीं समाजवादी पार्टी की ओर से संजय चौहान की जगह वीरेंद्र सिंह को टिकट दिया गया है। वीरेंद्र सिंह कांग्रेस और बसपा से विधायक रह चुके हैं।
यह भी पढ़ें
यूपी के कई इलाकों में बारिश का अलर्ट, 35 जिलों में लू की चेतावनी
सुल्तानपुर लोकसभा सीट पर भाजपा ने दूसरी बार मेनका गांधी को उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर उनका मुकाबला सपा प्रत्याशी राम भुआल निषाद और बसपा के उदराज वर्मा से हैं। साल 2019 के आम चुनाव में मेनका गांधी यहां 14,526 वोटों के अंतर से जीती थीं। वहीं बलिया लोकसभा सीट पर भी भाजपा के वीरेंद्र सिंह 15,519 वोटों से जीते थे। इस बार बीजेपी ने नीरज शेखर को उम्मीदवार बनाया है। बस्ती लोकसभा पर 2019 के आम चुनाव में बीजेपी के हरीश द्विवेदी को 30,354 वोटों के अंतर से जीत मिली थी। इस बार फिर से वो मैदान में हैं। इस बार उनका मुकाबला सपा के राम प्रसाद चौधरी से है। इस सीट पर कुर्मी और दलित मतदाताओं की संख्या खासी तादाद में हैं। इसके साथ ही कौशांबी लोकसभा सीट पर भाजपा को 38,722 वोटों से जीत मिली थी। एक बार फिर से भाजपा ने विनोद सोनकर को टिकट दिया है। वहीं सपा ने पुष्पेंद्र सरोज को उम्मीदवार बनाया है।