जानकारी के मुताबिक जिले के भेज्जी थाना के अंतर्गत कोरजुगुड़ा, दंतेशपुरम, नागाराम भंडारापदर में फोर्स को नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिली। इसके बाद ऑपरेशन विजय प्रहार लांच किया गया। इस दौरान कोरजुगुड़ा व भंडारापदर जंगल में डीआरजी जवानों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई। डीआईजी कमलोचन कश्यप ने कहा कि सुकमा जिले के किस्टाराम और भेज्जी थाना क्षेत्र में लगातार नक्सलियों की उपस्थिति की सूचना मिल रही थी। इसके बाद सर्चिंग अभियान चलाया जा रहा था, शुक्रवार की सुबह नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हुई। मारे गए नक्सलियों के पास से ऑटोमेटिक हथियार बरामद किए गए हैं।
सुकमा एनकाउंटर में मारे गए माओवादियों की जानकारी
मड़कम मासा, आठ लाख का इनामी नक्सली।दूधी हूंगी, दो लाख की इनामी नक्सली।
लखमा माड़वी, पांच लाख का इनामी नक्सली।
मड़कम जीतू, दो लाख का इनामी नक्सली।
मड़कम कोसी, दो लाख की इनामी नक्सली।
कोवासी केसा, दो लाख का इनामी नक्सली।
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Naxal Encounter: ओडिशा के रास्ते घुसे थे नक्सली, पहले से अलर्ट थी फोर्स
भेज्जी के जंगल में नक्सलियों के जमावड़े की सूचना गुरुवार को ही फोर्स को मिल चुकी थी। एक दिन पहले ही भारी संख्या में नक्सली ओडिशा के रास्ते छत्तीसगढ़ बॉर्डर में घुसे थे। इस दौरान ओडिशा पुलिस के साथ मुठभेड़ भी हुई थी। इसमें एक नक्सली मारा गया था, वहीं एक जवान घायल हुआ था। इसके बाद से छत्तीसगढ़ फोर्स अलर्ट पर थी।DRG Jawans Dance: सफलता पर हाथ में एके 47 लेकर डांस किया जवानों ने
इस सफलता का जश्न जवानों ने हाथों में एके 47 लेकर डांस करते हुए मनाया। जवानों का डांस करते हुए वीडियो भी सामने आया है। इससे पहले भी जब 5 नक्सलियों को नारायणपुर-कांकेर बॉर्डर पर मारा गया था तो इसी तरह से जवानों ने जश्न मनाया था। इस तरह का जश्न पहले नक्सली तब मनाया करते थे जब वे जवानों को शहीद करते थे, लेकिन अब बस्तर में हालात बदल चुके हैं और इसी बदले हालात में इस तरह की (DRG Jawans Dance) तस्वीर सामने आ रही है।CM साय ने कही ये बात
सुरक्षाबल के जवानों ने सुकमा जिले में अपने अदम्य साहस का परिचय देते हुए नक्सलियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की और मुठभेड़ में 10 नक्सलियों को मार गिराया है। जवानों को मिली यह सफलता सराहनीय है। नक्सलियों के खिलाफ हमारी सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य करते हुए मजबूती के साथ लड़ाई लड़ रही है। बस्तर में विकास, शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। दो दिन पहले ही बस्तर में जवानों की हौसला अफजाई कर लौटे सीएम विष्णुदेव साय ने वहां चेतावनी देते हुए कहा था कि बारूद की भाषा छोड़नी ही होगी।