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जानकारी के मुताबिक, 28 साल की 23 हफ्ते की गर्भवती महिला की रिपोर्ट 5 जुलाई को पॉजिटिव आई थी। जबकि 18 साल की 28 सप्ताह की गर्भवती महिला में 8 जुलाई को संक्रमण की पुष्टि हुई। तीसरे मामले में एक 19 वर्षीय महिला जो 23 सप्ताह की गर्भवती है, 8 जुलाई को उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। उसे जोड़ों में दर्द और हल्का बुखार था। 20 जून से अब तक पुणे नगर निगम (पीएमसी) ने जीका वायरस के 15 मामले दर्ज किए हैं, जिनमें नौ गर्भवती महिलाएं शामिल हैं। गर्भवती महिलाओं के जीका वायरस से संक्रमित होने पर नवजात शिशुओं पर असर पड़ने की संभावना होती है। नवजात शिशुओं में आंखों की समस्या, सुनने की क्षमता में कमी जैसी कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। कई मामलों में मस्तिष्क के असामान्य विकास के कारण बच्चे का सिर बहुत छोटा होता है।
बता दें की जीका के लिए कोई वैक्सीन अभी तक नहीं है। जीका वायरस मुख्य रूप से संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। हालाँकि यह कोई गंभीर संक्रमण नहीं है, लेकिन अगर यह गर्भवती महिला को संक्रमित कर दे तो यह भ्रूण के लिए खतरनाक हो सकता है। जीका वायरस यौन संबंध बनाने पर भी फैल सकता है। इसके अलावा कुछ दुर्लभ मामलों में जीका वायरस संक्रमित खून चढ़ाने से भी होता है।