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जब दोनों युवकों के डॉक्यूमेंट की जांच की और वेरिफाई करने के लिए बायोमैट्रिक की गई तब पता चला कि दोनों ने षडयंत्र करके अपना नाम, पता और धर्म बदलकर फर्जी दस्तावेज तैयार किए. सेना के अधिकारियों ने पुलिस को सौंप दिया जब पूंछताछ की तब पता यह चला कि यह दोनों लोग आगरा के रहने वाले हैं। पुलिस के पूछताछ में पता चला कि दोनों युवक इससे पहले भी भर्ती देख चुके हैं। एक युवक मुस्लिम और दूसरा हिन्दू । कड़े गए युवकों में से एक ने अपना नाम धर्मराज बताया जबकि उसका असली नाम अरुण खान है। दूसरे युवक ने अपना नाम रंजीत सिंह बताया है जबकि 2021 में वो मोनू चौधरी नाम से सेना में भर्ती के लिए आ चुका है।
फर्जी दस्तावेज के आधार पर पकड़े गए युवकों से जब पुलिस ने पूछताछ की तब पता चला कि आधार कार्ड बनवाने के लिए उसने प्रिंटर का सहारा लिया था और फोटो को मिक्स कर दिया था । इसके अलावा उसने भर्ती के लिए हाईस्कूल समेत अन्य सभी प्रमाण पत्र फर्जी बनवाए थे। उसका सपना सेना में भर्ती होने का था लेकिन उम्र ज्यादा होने के कारण वह भर्ती नहीं हो पा रहा था। उसने फर्जी प्रमाण पत्र और दस्तावेज में उम्र कम करके भर्ती होने का प्रयास किया।
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