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अमरनाथ यात्रा : लंगर के खाने या रसोई में नहीं होगा प्लास्टिक का उपयोग

अमरनाथ यात्रा इस बार 29 जून से शुरू होकर 19 अगस्त तक चलेगी। यात्रा में बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए देश भर से अलग-अलग जगहों से लंगर लगाए गए हैं।

ग्वालियरJun 28, 2024 / 03:23 pm

Patrika Desk

No Plastic use in amarnath yatra
ग्वालियर से भी यहां लंगर लगे हैं। गुरुवार को लंगर चलाने वालों की बैठक कैंप डायरेक्टर किशोर सिंह कचोद ने लेते हुए समझाइश देते हुए कहा कि यात्रियों को सिर्फ हल्का भोजन दें। उन्हें कोई भी ऐसा खाना न दें जिससे उन्हें कोई परेशानी हो। उन्होंने सभी लंगरों का मुआयना भी दिया।
इसके साथ ही लंगर की अनुमति में लंगर के खाने या रसोई में प्लास्टिक का उपयोग वर्जित रखा गया है। पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए स्टेनलेस स्टील या पत्तेदार सामग्री का उपयोग करना होगा। ग्वालियर की अमरनाथ यात्रा सेवा समिति के लंगर प्रभारी बबलू शिवहरे ने बताया कि समिति की ओर से अध्यक्ष होतम सिंह गुर्जर एवं सचिव राजेश सिकरवार इस बैठक में शामिल हुए।

श्री बाबा बर्फानी समिति का 121 सदस्यों का जत्था हुआ रवाना

श्री बाबा बर्फानी समिति ग्वालियर के 121 सदस्यों का बड़ा जत्था गुरुवार रात 11 बजे मालवा एक्सप्रेस से रवाना हुआ। इसका नेतृत्व समिति कोषाध्यक्ष भरत कुमार ढींगरा व संजय कुशवाह कर रहे हैं। संरक्षक महेंद्र भदकारिया और सचिव पन्नालाल गौड़ ने बताया कि सभी यात्री पहले माता वैष्णो देवी के दर्शन कर कटरा से सीधे पहलगाम बैस कैंप से 29 जून को अपनी यात्रा प्रारंभ करेंगे। पहला पड़ाव शेषनाग, दूसरा पंचतरणी के बाद बाबा अमरनाथ के दर्शन कर बालटाल से उतरकर मनीग्राम बैस कैंप भंडारे में अपनी 5 दिन की सेवा करेंगे। इस यात्रा के बाद आठ सदस्य श्रीखंड महादेव ऊं पर्वत पर भी जाएंगे। इस जगह भोलेनाथ 80 फुट शिला के रूप में दर्शन देते हैं। सभी सदस्य के रजिस्ट्रेशन से जम्मू में आरएफआईडी कार्ड बनवाए जाएंगे।

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