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करगिल विजय दिवस: वीर-सपूतों ने राष्ट्र के लिए प्राण गंवाए…प्रेरणा लेकर युवा पीढ़ी भी आगे आए

श्रीकरणपुर के गांव नग्गी में सेना का आयोजन, गार्ड सलामी व पुष्पचक्र अर्पित कर दी शहीदों को दी श्रद्धाजंलि, लेफ्टिनेंट जनरल सहित सैन्य अधिकारी हुए शामिल

श्री गंगानगरJul 27, 2024 / 12:19 am

Ajay bhahdur

करगिल विजय दिवस: वीर-सपूतों ने राष्ट्र के लिए प्राण गंवाए...प्रेरणा लेकर युवा पीढ़ी भी आगे आए

श्रीकरणपुर. गांव नग्गी शहीद स्मारक पर कार्यक्रम में शामिल आम नागरिक व सैन्य अधिकारी। -पत्रिका

श्रीकरणपुर. करगिल युद्ध व समय-समय पर हुई अन्य लड़ाईयों में वीर-सपूतों ने राष्ट्र के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। देश को महफूज रखने के लिए वर्तमान में युवा पीढ़ी को भी ऐसे वीर शहीदों के जीवन से प्रेरणा लेकर आगे आने की जरूरत है। सेना की चेतक कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल नगेंद्र सिंह ने शुक्रवार को यह बात को गांव नग्गी के निकट भारत-पाक सीमा पर हुए करगिल विजय दिवस आयोजन में कही।
बतौर मुख्य अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल नगेंद्र सिंह ने कहा कि जो देश अपने वीरों के शौर्य और बलिदान को याद रखता है। शत्रु उससे सदैव भयभीत रहता है। उन्होंने कहा कि सेना के साहस व पराक्रम की शौर्य गाथा के माध्यम से भावी पीढ़ी में देशभक्ति का संचार होता है। उन्होंने करगिल युद्ध व गांव नग्गी के निकट रेतीले धोरों के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले भारतीय जांबाज शहीदों को सलाम किया। फॉरएवर विक्टोरियस बिग्रेड के कमांडर प्रयोग सुब्बा, अमोघ डिवीजन के कमांडर मेजर जनरल निरंजन जाखड़, बिहार रेजीमेंट के कर्नल हर्षदीप के.गहलोत व सूबेदार मेजर रविंद्र कुमार बेहरा ने भी विचार व्यक्त किए। उन्होंने 1971 की लड़ाई के दौरान ग्रामीणों व अन्य इलाकावासियों की ओर सेे की गई सहायता को अभूतपूर्व बताते हुए कहा कि सीमावर्ती लोग भारतीय सेना की सबसे बड़ी ताकत हैं। लोगों का यह जज्बा, उत्साह व हौंसला सेना को कभी हारने नहीं देता। उन्होंने युवा पीढ़ी को बढ़चढक़र सेना में भर्ती होने का आह्वान किया। कार्यक्रम के दौरान सैन्य अधिकारियों ने वहां पौधरोपण भी किया।

बिगुल बजाकर चढ़ाए पुष्प…

करगिल विजय दिवस की 25वीं सालगिरह पर सीमा पर बने शहीद स्मारक पर श्रद्धाजंलि दी गई। बिगुल बजाकर कार्यक्रम का आगाज किया गया। सैन्य अधिकारियों के साथ बीएसएफ 77वीं बटालियन वीरचक्र पलटन के समादेष्टा अजय कुमार, उपसमादेष्टा नरेश लोहिया व नग्गी सीमा चौकी के कंपनी कमांडर आलोक सिंह के अलावा नागरिकों ने भी शहीदों की स्मारक पर पुष्पचक्र व श्रद्धासुमन अर्पित किए। मौके पर गांव नग्गी की सरपंच माया देवी, पूर्व सरपंच बलराज सिंह डीसी, शिवभगवान मेघवाल, श्योचंद मेघवाल, रामप्रताप मेघवाल, अनीश बाना, महावीर सिहाग, महेंद्र सिहाग, निशांत झोरड़, अनिल शर्मा व हेतराम सहित अन्य काफी नागरिक भी शामिल हुए। कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे सभी लोगों के लिए चाय व नाश्ते की व्यवस्था भी की गई थी।

आप बिना वर्दी के और हम वर्दी वाले सिपाही

कार्यक्रम के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल नगेंद्र सिंह वर्ष 1971 के युद्ध के दौरान सेना का प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष सहयोग करने वाले नागरिकों से भी रूबरू हुए। मौके पर बलदेव सैन श्रीकरणपुर के बलदेव सैन, राजकुमार शर्मा, अशोक पांधा, सुरेंद्र रस्सेवट पुत्र मास्टर दूलचंद रस्सेवट, बच्चन लाल, गांव बुर्जवाला के मनजीत सिंह, गुरदित्ता सिंह, दीना राम, अर्जुनराम झूरिया नग्गी व गुरतेज सिंह आदि वरिष्ठ नागरिकों ने सैन्य अधिकारियों के समक्ष 1971 की घटना से जुड़े अनुभव साझा किए तो सैन्य अधिकारी भी भावुक हो गए। इस अवसर पर लेफ्टिनेंट जनरल ने उनसे कहा कि आप लोग बिना वर्दी वाले और हम वर्दी वाले सिपाही हैं। उन्होंने नई पीढ़ी को उनसे प्रेरणा लेने की आवश्यकता जताई। मौके पर उन्होंने करगिल युद्ध के दौरान चुनौतीपूर्ण माहौल में किए कार्य के अनुभव भी साझा किए।

संग्रहालय में दिखा राजस्थान पत्रिका का जलवा!

लेफ्टिनेंट जनरल सहित अन्य सैन्य अधिकारियों ने नग्गी शहीद स्मारक पर हाल ही बनाए गए संग्रहालय का निरीक्षण भी किया। इस दौरान वहां 1971 की लड़ाई के साक्ष्य देखकर वे अचंभित हुए। वहां एक पिल्लर पर अखबारों की तत्कालीन न्यूज कटिंग के चित्र भी लगाए गए हैं। यह गर्व की बात है कि इसमें अधिकांश चित्र राजस्थान पत्रिका की न्यूज कटिंग के थे। सैन्य अधिकारियों व अन्य नागरिकों ने इन खबरों को पढक़र हैरानी जताई। गौरतलब है कि वर्ष 1971 में युद्ध विराम के बाद हुई ऐतिहासिक लड़ाई का गवाह और भारतीय रणबांकुरों का शौर्य स्थल गांव नग्गी अब पर्यटन के नक्शे पर है। सीमा क्षेत्र पर स्थित शहीद स्मारक व दुर्गा मंदिर एरिया में राजस्थान पर्यटन विकास निगम की ओर से वहां करीब डेढ़ करोड़ रुपए के विकास कार्य कराए गए हैं। प्रोजेक्ट के तहत वहां सुसज्जित पवेलियन, दर्शक दीर्घा, संग्रहालय, विश्राम गृह, कैंटीन व सैनिक प्रतीक चिह्न के साथ मूलभूत सुविधाओं में बढ़ोतरी व सौंदर्यकरण किया गया है। अप्रोच सडक़ पर आर्कषक नग्गी रणभूमि द्वार भी बनाया गया है।

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