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झालावाड़

मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर-कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार, एक्सरे- कक्ष में लगी भीड़

-सवा दौ के कार्य बहिष्कार से एसआरजी चिकित्सालय में हुई अव्यवस्था

झालावाड़Jul 23, 2024 / 10:50 am

harisingh gurjar

.झालावाड़ मेडिकल कॉलेज सहित प्रदेश के 17 मेडिकल कॉलेजों के 700 शिक्षक राज्य सरकार के सेवा नियमों को लेकर सोमवार से सामूहिक अवकाश पर चले गए। झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में 50 डॉक्टरों के साथ राजमेस के अन्य कर्मचारियों ने भी दो घंटे कार्य का बहिष्कार किया। ऐसे में कुछ समय के लिए तो एसआरजी चिकित्सालय में मरीजों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। कई लोगों के एक्सरे नहीं हो पाए है, वहीं नर्सिंग कर्मियों के भी कार्य बहिष्कार से मरीजों को संभालने में परेशानी हुई।
प्रदर्शन कर की नारेबाजी-

शिक्षकों ने राज्य सरकार पर 1 अगस्त 2024 से पहले नियुक्त शिक्षकों को सेवा नियमों के तहत कवर नहीं किए जाने का आरोप लगाते हुए एसआरजी चिकित्सालय में अधीक्षक कार्यालय के बार प्रदर्शन कर नारेबाजी की। डॉक्टर अधीक्षक कार्यालय के बाहर ही टेंट लगाकर धरने पर बैठ गए। उनके समर्थन में राजमेस के कर्मचारी जिसमें नर्सिंगकर्मी, स्टोर कीपर, स्वीपर सहित अलग-अलग केडर के करीब 177 कर्मचारियों ने भी दो घंटे का सामूहिक कार्य बहिष्कार किया।
प्रदेशभर में इतने डॉक्टर अवकाश पर-

झालावाड़ मेडिकल कॉलेज के करीब 50 व प्रदेशभर के 700 चिकित्सा शिक्षकों ने राज्य सरकार पर एक अगस्त 2024 से पहले नियुक्त शिक्षकों को राजस्थान सेवा नियमों के तहत कवर नहीं करने पर अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश कर दिया। सभी डॉक्टर सोमवार को अधीक्षक कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। सरकारी मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति राज्य सरकार की स्वायत्त संस्था राजस्थान मेडिकल एजुकेशन सोसायटी (राजमेस) द्वारा की जाती है और उन पर सोसायटी के सेवा नियम लागू होते हैं।
177 कर्मचारियों ने भी दिया समर्थन-

झालावाड़ मेडिकल कॉलेज के 177 कर्मचारी जिसमें 29 नर्सिंगकर्मी, 14 स्टोर कीपर, 17 स्वीपर, 11 लैब टेक्निशियन, 20 स्टेनोग्राफर, रिकॉर्ड क्लर्क15, रेडियोग्राफ 5 सहित इंजीनियर व अन्य केडर के 177 कर्मचारी जो राजमेस में आते हैं, उन्होंने भी सोमवार से दो घंटे का कार्य बहिष्कार किया। मांगे नहीं माने जाने पर डॉक्टरों के साथ वो सामूहिक अवकाश जाने की चेतावनी दी। कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार से एक्सरे करने वाले एक्सपर्ट नहीं होने से एसआरजी में मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ा।
सामूहिक अवकाश पर-

वित्त विभाग ने निर्णय लिया है कि 1 अगस्त 2024 से पहले राजमेस में नियुक्त चिकित्सा शिक्षक डाइंग कैडर होंगे और सोसायटी के मौजूदा ही नियम उन पर लागू होंगे, जबकि राजस्थान सिविल सेवा (संशोधित वेतन) नियम-2017 जो 1 अगस्त 2024 या उसके बाद नियुक्त शिक्षकों पर लागू होगा, इससे चिकित्सा शिक्षकों के बीच भारी वेतन असमानता पैदा होगी। इसके विरोध में 50 शिक्षक पूरी तरह से सोमवार से अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश पर चले गए।
डॉ.महावीर मीणा, अध्यक्ष झालावाड़ मेडिकल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन।

02. 2017 में नियुक्त शिक्षक सात वर्षो से संघर्ष कर रहे थे। राजमेस के जो भी कर्मचारी थे वो अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। आधारभूत संचरना तैयार करने वाले जो कर्मचारी है, सरकार ने उनके साथ धोखा किया है। हमारी मांग है कि उन्हे भी इसमें शामिल किया जाएं। ताकि वेतन का बहुत ज्यादा अंतर नहीं रहे।
डॉ.राशिद गौरी।

03. सभी कर्मचारियों की एक ही मांग है आरएसआर के नियम सभी डॉक्टरों पर समान रूप से लागू होना चाहिए। ये हड़ताल नहीं है। अनिश्चित कालीन सामूहिक अवकाश है। आरएसआर के बिना हम हटने वाले नहीं है।
डॉ गौरव पाराशर।

04.2017 के बाद जिन लोगों ने मेहनत की उन्हे इसका फायदा नहीं मिल रहा है। अभी बजट में जो घाषणा की है उससे1 अगस्त 2024 से नियुक्त होने वाले लोगोंको ही इसका लाभ मिलेगा। हमारी मांग हैं कि आरएसआर नियम सभी के ऊपर लागू हो, ताकि किसी तरह का भेदभाव नहीं रहे।
डॉ. अमित श्रीवास्तव

04. आरएसआर का नियम सभी कर्मचारियों पर लागू होना चाहिए। राजमेस के जितने भी मेडिकल कॉलेज है उनमें उनमें झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में ही राजमेस के अराजपत्रित कर्मचारी हैं,जबकि किसी भी राजमेस के मेडिकल कॉलेज में अराजपत्रित कर्मचारी नहीं है। झालावाड़ मेडिकल कॉलेज के खुलने के बाद से सभी कर्मचारियों ने बहुत मेहनत की थी।177 कर्मचारी है उन पर भी आरएसआर के नियम लागू होना चाहिए।
रणजीत भास्कर, राजमेस कर्मचारी महासंघ।

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