दरअसल, भाजपा के दिग्गज नेता देवी सिंह भाटी ने लोकसभा चुनाव में हार का ठीकरा सीधे-सीधे भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ के माथे फोड़ा था। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा था कि राजस्थान में राजेंद्र राठौड़ के कारण लोकसभा चुनावों में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने चुनाव का पूरा वातावरण खराब कर दिया।
‘कस्वां इतने बडे नेता नहीं… ‘
पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने पलटवार करते हुए कहा कि टिकट देना, नहीं देना संसदीय बोर्ड तय करता है। चाहे राहुल कस्वां हो या कोई और। कस्वां इतने बड़े नेता नहीं है कि उनका टिकट कटने से बीजेपी की लोकसभा की 5 सीटें प्रभावित हों। ‘ताजा पार्टी में आए हैं… एकाएक ज्ञान बढ़ गया’
आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर मंगलवार को हुए कार्यक्रम में राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि वो ताजा पार्टी में आए हैं। उनका एकाएक ज्ञान बढ़ गया। भाजपा ने कस्वां परिवार को 14 बार लोस, विस, जिला प्रमुख और प्रधान का टिकट दिया। इस बार उन्हें टिकट नहीं मिला तो वे उस राहुल गांधी की गोद में जाकर बैठ गए, जिसे वे खुद राहुल बाबा बोलते थे।
कस्वां का टिकट कटवाना रहा गलत- भाटी
बता दें कि कोलायत से लगातार 7 बार विधायक रहे भाजपा नेता देवी सिंह ने राहुल कस्वां के टिकट कटवाने को लेकर राजेंद्र राठौड़ को घेरा था। उन्होंने कहा था कि जिस प्रकार से राजस्थान में टिकट कटवाया गया यह गलत था। सबसे बड़ा घातक चूरू सीट से राहुल कस्वां का टिकट कटवाना साबित हुआ। साथ ही उन्होंने कहा था कि राहुल कस्वां का काम और जनसंपर्क काफी अच्छा था। लेकिन कस्वां का टिकट काटने से पूरे राजस्थान में जाट एकजुट नहीं रहे। इससे बीजेपी का जाट वोट छिटक गया। उन्होंने आगे कहा कि अगर राहुल कस्वां का टिकट राजेंद्र सिंह राठौड़ ने कटवाया नहीं होता तो बीजेपी को जीत मिलती।