इन जोन में सबसे ज्यादा कमाई
सरकार की नजर में जयपुर, उदयपुर, जोधपुर, कोटा जोन में सबसे ज्यादा राजस्व मिलता है। जीएसटी अधिकारियों का कहना है कि इन बड़े शहरों में गुटखा और तम्बाकू के लोकल ब्रांड हैं। वहां लोग ब्रांडेड के बजाय लोकल गुटखा को अधिक प्राथमिकता देते हैं। बिक्री अधिक होती है तो जीएसटी के रूप में सरकार का खजाना भर जाता है।
स्वास्थ्य के लिए खतरा
तम्बाकू, गुटखे और धूम्रपान से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती हैं। जिला चिकित्सालय के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. केएस कामरा का कहना है कि तम्बाकू और धूम्रपान से बीमारियां गिफ्ट में रूप में मिल रही है। धूम्रपान से दिल के दौरे, स्ट्रोक और फेफड़ों की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। सिगरेट पीने से कैंसर, सीओपीडी, कोरोनरी धमनी रोग, स्ट्रोक, भ्रूण संबंधी बीमारियां और घाव भरने में देरी का खतरा बढ़ सकता है। गुटखा और तंबाकू तो सीधे कैंसर जैसी बीमारियां देते हैं।
गंगानगर में सालाना टर्न ओवर 45 करोड़ पार
तम्बाकू और उसके आइटम पर अधिकतम कर वसूली होती है। जीएसटी टैक्स 28 प्रतिशत वसूल किया जा रहा है। जीएसटी के एडिशनल कमिश्नर बलवंत सिंह का कहना है कि हर साल डीलरों की संख्या बढ़ रही है तो वार्षिक टर्नओवर भी बढ़ने लगा है। श्रीगंगानगर जिले में यह टर्नओवर 45 से 50 करोड़ रुपए आंका जा रहा है। इससे सरकार को सीधे जीएसटी के रूप में बारह करोड़ का राजस्व मिलता है।