दुराचारी को आखिर छह साल बाद मिली दस साल की सजा
श्रीगंगानगर। करीब छह साल पहले पदमपुर क्षेत्र में एक किशोरी का अपहरण कर उससे दुष्कर्म करने पर अब अदालत ने एक आरोपी को दोषी मानते हुए दस साल कठोर कारावास और 55 हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया है। जबकि दूसरे आरोपी को अभियोजन पक्ष के ठोस साक्ष्य के अभाव में संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया। यह निर्णय पोक्सो प्रकरणों की स्पेशल कोर्ट संख्या दो के विशिष्ट न्यायाधीश अरूण कुमार अग्रवाल द्वितीय ने सुनाया।
विशिष्ट लोक अभियोजक नवप्रीत कौर संधू ने बताया कि पीडि़त किशोरी के पिता ने 20 अक्टूबर 2017 को पदमपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसकी साढ़े सौलह साल की बेटी 18 अक्टूबर 2017 को घर से पदमपुर में कम्प्यूटर कोर्स सीखने के लिए गई थी, वापस नहीं लौटी। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज कर जांच शुरू की। इस दौरान पुलिस ने इस किशेारी को पंजाब के मुक्तसर जिले के गिदड़बाहा में वार्ड 19 बाबा खेतूराम पार्क के पास रहने वाले 32 वर्षीय गुरसेवक सिंह उर्फ सेबी पुत्र दर्शन सिंह रामदासिया के कब्जे से दस्तयाब किया। पुलिस की जांच के अनुसार किशोरी को बहलाफुसलाकर गुरसेवक सिंह ने श्रीगंगानगर बस स्टैंड पर बुलाया। यह किशोरी पदमपुर से श्रीगंगानगर बस में आई। इसके बाद गुरसेवक सिंह के साथ चंडीगढ़ चली गई। वहां चंडीगढ़ में किशोरी से दुष्कर्म किया। इसके बाद यह आरोपी गिदड़बाहा क्षेत्र गांव बुटर बखुआ में ले जाकर वहां लगातार बलात्कार करने लगा। फिर इस पीडिता को अपने गिदड़बाहा घर ले गया। इसमें सह आरोपी शिवपुरी वार्ड आठ सरजीत सिंह ज्ञानी के आरे के पास श्रीविजयनगर हाल निवास पदमपुर क्षेत्र गांव 4 जेजे निवासी 24 वर्षीय दलजीत सिंह उर्फ सोना पुत्र जगसीर सिंह की भूमिका सामने आई। पुलिस ने इन दोनेां आरोपियों को गिरफ़तार कर अदालत में चालान पेश किया।
विशिष्ट लोक अभियोजक संधू ने बताया कि इस प्रकरण की सुनवाई के दौरान पीडि़ता समेत चौबीस गवाहों ने अपने बयान दर्ज कराए जबकि 27 दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत किए गए। अदालत ने आरोपी गुरसेव सिंह उर्फ सेबी को दोषी मानते हुए पोक्सो की धारा 5 एल और धारा 6 में दोषी मानते हुए दस साल कठोर कारावास व पचास हजार रुपए जुर्माना, आईपीसी की धारा 366 में पांच साल कठोर कारावास व पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। जबकि आरोपी दलजीत सिंह उर्फ सोना को अभियोजन पक्ष के ठोस साक्ष्य के अभाव में दोष मुक्त कर दिया।