मामले की जांच कर रहे हवलदार सत्यनारायण कूकणा ने बताया कि आरोपी हमीदुल्ला रिजवी और अत्ताउल्लाह दोनों सगे भाई हैं। इनके पिता कारिद्दीन मोहम्मद रिजवी हैं। ये दोनों मूल रूप से बीकानेर के जामसर के पास गांव जलालसर के रहने वाले हैं। फिलहाल से बीकानेर के तिलकनगर में सुभाष पेट्रोल पंप के पास मोहम्मद सलीम के मकान में किराये पर रहते हैं। इन दोनों की लोकेशन मिली तो कूकणा की अगुवाई में पुलिस दल ने दबिश देकर काबू किया।
भय दिखाकर चला रहे थे ठगी का धंधा
जांच अधिकारी ने बताया कि आत्मा को वश में करने का जादू टोटका, सालों पहले भूमि में दबी सोने की अशर्फिया को अपने जादू से बाहर निकालने और पानी में आग लगाने का नाटक करते हैं। सोडियम को नमक की तरह हाथ में लेकर पानी में फेंकते है तो स्वत: आग लग जाती है, इस वैज्ञानिक तरीके को ये कथित तांत्रिक अपनी तांत्रिक क्रिया बताते हुए दावा करते हैं। किसी के बीमारी को दूर करने या पुराना खजाना निकालने के नाम पर लोगों को भ्रमित करते हुए ठगी का शिकार करते हैं। छह माह पहले दर्ज मामले में इन दोनों को गिरफ्तार किया गया है।सोने के खजाने का झांसा देकर ठगे थे 2 करोड़ 33 लाख रुपए
कोतवाली में 5 मार्च 24 को हरमिलापी कॉलोनी निवासी प्रेम कुमार पुत्र नानक चंद्र ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें दुर्गा मंदिर के पास खाली भूखंड के नीचे दबे सोने के खजाने का झांसा देकर 2 करोड़ 33 लाख रुपए की ठगी करने पर बीकानेर के तांत्रिक और उसके चेलों समेत नौ जनों के खिलाफ आरोप लगाया था। पीड़ित का कहना था कि तीन साल पहले उसने दुर्गा मंदिर मार्केट क्षेत्र में एक भूखंड 9 जून 2021 को खरीदा था। यह प्लाट बाहर से बंद है, इसके पीछे का रास्ता सुरेश ग्रोवर के घर से जाता है। उसे सुरेश ग्रोवर ने बताया कि इस भूखंड में सोने का खजाना दबा हुआ है। यदि निकालने की प्रक्रिया पूरी होती है तो उसे आधा सोना देना होगा। इसकी बातों पर वह सहमत हो गया और उसे बीकानेर के तिलक नगर निवासी तांत्रिक अताउल्ला कुरैशी को बुलाया। तांत्रिक ने पहले चूने की पुडी से आग लगने का चमत्कार दिखाया और फिर बोला कि तांत्रिक तरीके से यह खजाना निकालना होगा।
पहले दस लाख रुपए दिए, फिर कलेर शरीफ की दरगाह पर 11 घोड़ों की बलि के एवज में दस लाख रुपए। इसके बाद बरेली में जाकर मंत्र पढ़ने, नागौर में गुरु हिमदुल्ला रिजवी की मदद लेने के नाम पर लाखों रुपए कुल दो करोड़ 33 लाख रुपए की वसूली की गई। परिवादी का कहना था कि इन लोगों ने तांत्रिक विद्या बीच में रोकने पर दो हजार साल पुराने जिन्न को वश में नहीं रखने पर पूरे परिवार के खात्मे होने का भय दिखाया। पुलिस ने इस मामले में तांत्रिक अताउल्ला दुसरीन, हिमदुल्ला रिजवी, सिकन्दर, आशादुल्ला, जबाबशाह, महेन्द्र बराड,राजेश उर्फ मोनू, सुरेश ग्रोवर और सतपाल बिश्नोई को आरोपी बनाया है।