इस दौरान कलक्टर ने ओपीडी बंद होने के बावजूद भर्ती रोगियों के वार्डों का दौरा किया और उनकी चिकित्सा स्थिति का मूल्यांकन किया। मरीजों से बात करके उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि वे राज्य और केंद्र सरकार की स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। चिकित्सकों को भी निर्देश दिए गए कि वे संवेदनशीलता के साथ मरीजों की सेवा करें।
वार्डों का निरीक्षण और मरीजों से फीडबैक
डॉ. मंजू ने मेल-फीमेल सर्जिकल वार्ड, नशा मुक्ति वार्ड, रामाश्रय वार्ड, एमसीएच भवन, लेबर रूम, और एसएनसीयू सहित अन्य वार्डों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने उपचाराधीन रोगियों से भी बातचीत कर पूछा कि उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल रहा है या नहीं। डॉक्टर नियमित रूप से आते हैं या नहीं, इलाज के लिए कोई राशि तो नहीं ली गई है। मरीजों से बातचीत में पता चला कि उपचार की गुणवत्ता अच्छी है और कोई राशि नहीं ली जा रही है।गंदे शौचालयों पर जताई नाराजगी
कलक्टर ने पत्रिका को बताया कि निरीक्षण करने की मंशा रोगियों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिले, पूरे चिकित्सालय कैम्पस का राउंड लिया गया हैं। टायलेट में गंदगी ज्यादा मिली, इस संबंध में पीएओ को सफाई व्यवस्था सुधार करने के लिए निर्देश दिए हैं। शौचालयों में गंदगी साफ करने की ज्यादा जरूरत हैं। डस्टबिन से लेकर चिकित्सा व्यवस्था तक जायजा लिया।नशा मुक्ति और बुजुर्गों के लिए सुविधाओं पर ध्यान
नशा मुक्ति वार्ड में रोगियों से नशा छोड़ाने के प्रयासों और उपलब्ध सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। बुजुर्गों के रामाश्रय वार्ड में व्यवस्थाओं से संतुष्ट होकर उन्होंने वहां के बुजुर्गों से विस्तारपूर्वक बातचीत की।महिला चिकित्सकों से संवाद
निरीक्षण के दौरान डॉ. मंजू ने लेबर रूम में चिकित्सकों से बातचीत की और अनुभव साझा किए। उन्होंने चिकित्सकों को सलाह दी कि जब भी जरूरत हो, बाहर से दवाई और जांच करवाई जाए। इस निरीक्षण के दौरान पीएमओ डॉ. दीपक मोंगा, डॉ. बलदेव सिंह, नर्सिंग अधीक्षक जैत कंवर गोयल, डॉ. राजेंद्र गर्ग, डॉ. सुनीता सहारण, डॉ. अनामिका अग्रवाल, और डॉ. शिखा धींगड़ा आदि मौजूद थीं।
यह भी पढ़ें