स्थानीय राजकीय उमाविद्यालय में वरिष्ठ अध्यापक सुखजिंद्रसिंह बराड़ ने बताया कि उसके भाई जगविंदरपाल सिंह बराड़ ने दसवीं कक्षा तक की पढ़ाई गांव के सरकारी स्कूल व बारहवीं कक्षा कस्बे के सरकारी स्कूल में उतीर्ण की। ज्ञान ज्योति कॉलेज में बीएससी व बाद में एमएससी (गणित) होने पर बीएड किया। इस दौरान वर्ष 2012 में तृतीय श्रेणी शिक्षक परीक्षा में सफल रहने पर समाज सेवा के क्षेत्र में जाने का मन बना तो आरएएस परीक्षा के लिए आवेदन कर दिया।
उधर, आरएएस चयनित जगविंदर सिंह ने बताया कि वर्ष 2017 में भी उन्होंने आरएएस परीक्षा उतीर्ण की थी। इस दौरान उनका 304वां रैंक आया। इसके बाद उन्हें वाणिज्यिक कर विभाग में नौकरी मिली लेकिन अच्छे रैंक की उम्मीद में उन्होंने नियमित रूप से अपनी तैयारी जारी रखी। यही वजह रही कि इस बार उन्होंने 51वां रैंक हासिल किया। वे अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता दारासिंह बराड़ को देते हैं।
उन्होंने बताया कि पिता उनके लिए आदर्श है। उधर, उनकी पत्नी नवरीत कौर औलख पुत्री इंद्रजीत सिंह औलख ने भी 49वीं रैंक के साथ आरएएस परीक्षा उत्तीर्ण की है। वर्तमान में वे भी अनूपगढ़ जिले में वाणिज्यिक कर विभाग में कर अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं।