-गंगनहर में जुलाई माह का पानी का शेयर 2400 क्यूसेक,खखां हैड पर मंगलवार शाम को पानी मिल रहा था 1479 क्यूसेक श्रीगंगानगर.गंगनहर में 15 जून से सिंचाई पानी शेयर के अनुसार नहीं मिल रहा है। इस कारण इलाके के किसानों में जल संसाधन विभाग,जिला प्रशासन व राज्य सरकार के खिलाफ आक्रोश बढ़ता जा रहा है। गंगनहर में एक जुलाई को बीबीएमबी की बैठक में 2400 क्यूसेक सिंचाई पानी का शेयर निर्धारित किया गया था जबकि मुश्किल से खखां हैड पर मंगलवार शाम को 1479 क्यूसेक पानी मिल रहा था। इस पानी में 350 क्यूसेक पानी पेयजल का निर्धारित है। जबकि गंगनहर से जुड़ी नहरों में 1129 क्यूसेक सिंचाई पानी चल रहा है। इस पानी से कई नहरें समय पर नहीं खुल रही है। कई नहरें तो दो-तीन दिन चलाकर बीच में ही बंद करनी पड़ी। सिंचाई पानी पूरा नहीं मिलने पर इलाके का किसान गुस्सा में है। सोमवार रात्रि से मंगलवार सुबह तक 100 क्यूसेक सिंचाई पानी कम हो गया था। 2 बजे फिर पानी में इजाफा हुआ। वहीं,गंगनहर में पूरा सिंचाई पानी की मांग को लेकर किसान दल के अध्यक्ष रघुवीर ताखर दो जुलाई से क्रमिक अनशन पर नेतेवाला हैड पर बैठा है तथा किसानों ने वहां पर धरना लगा रखा है। आस-पास के क्षेत्र के काफी किसान वहां पर भी जुट रहे हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसानों का गंगासिंह चौक पर धरना चल रहा है। साथ ही किसान आठ जुलाई को महापड़ाव की तैयारी के लिए गांव-गांव में किसानों से जनसंपर्क करने में लगे हुए हैं। किसान नेता गुरलाल बराड़ व अमर सिंह बिश्नोई की टीम श्रीगंगानगर क्षेत्र के गांवों में जनसंपर्क किया। किसानों से महापड़ाव को सफल बनाने के लिए अलग-अलग क्षेत्र में किसान नेताओं की जत्थेबंदिया बनाकर ट्रैक्कर लेकर पड़ाव में शामिल होने का आह्वान किया है। किसान नेता पृथीपाल सिंह संधू,मनिंद्र सिंह मान,रमन रंधावा,गुरबलपाल सिंह संधू,संतवीर सिंह,राजा हैयर,हरविंद्र सिंह मान आदि की टीम अलग-अलग क्षेत्रों में किसानों से जनसंपर्क करने में लगे हुए हैं।
24 घंटे गश्त,सात दिन में एक चोरी भी नहीं पकड़ी
—— 30 जून को किसानों के साथ हुई वार्ता में जिला कलक्टर जाकिर हुसैन व जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता धीरज चावला ने कहा कि खखां हैड से शिवपुर हैड और गंगनहर से जुड़ी अन्य वितरिकाओं पर पानी चोरी के लिए 24 घंटे गस्त की जाएगी। 30 जून के बाद छह जुलाई तक खखां हैड से शिवपुर हैड तक सिंचाई पानी चोरी का गस्त टीम ने एक भी व्यक्ति के खिलाफ एफआइआर दर्ज नहीं की है। जबकि एसडीएम उम्मीद सिंह रतनू की मौजूदगी में जल संसाधन विभाग की टीम ने नहर का निरीक्षण किया। बारानी जमीन पर धान की फसल की बुवाई कर रखी है जबकि उस फसल को सिंचाई पानी कहां से मिल रहा है। इस पर प्रशासन ने अभी तक पड़ताल कर कार्रवाई नहीं की गई।जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता का कहना है कि एफ व एच नहर पर सिंचाई पानी चोरी पकड़ी है। वहां पर एफआइआर दर्ज करवाई गई है।
—— 30 जून को किसानों के साथ हुई वार्ता में जिला कलक्टर जाकिर हुसैन व जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता धीरज चावला ने कहा कि खखां हैड से शिवपुर हैड और गंगनहर से जुड़ी अन्य वितरिकाओं पर पानी चोरी के लिए 24 घंटे गस्त की जाएगी। 30 जून के बाद छह जुलाई तक खखां हैड से शिवपुर हैड तक सिंचाई पानी चोरी का गस्त टीम ने एक भी व्यक्ति के खिलाफ एफआइआर दर्ज नहीं की है। जबकि एसडीएम उम्मीद सिंह रतनू की मौजूदगी में जल संसाधन विभाग की टीम ने नहर का निरीक्षण किया। बारानी जमीन पर धान की फसल की बुवाई कर रखी है जबकि उस फसल को सिंचाई पानी कहां से मिल रहा है। इस पर प्रशासन ने अभी तक पड़ताल कर कार्रवाई नहीं की गई।जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता का कहना है कि एफ व एच नहर पर सिंचाई पानी चोरी पकड़ी है। वहां पर एफआइआर दर्ज करवाई गई है।
पानी चोरी नहीं,तो फिर 570 क्यूसेक लॉसेज क्यूं ? एसइ ने चावला ने किसानों से वादा किया था कि फिरोजपुर फीडर से निकलने वाली 45 आरडी से 368 आरडी खखां हैड के बीच जहां-जहां पर पानी चोरी हो रहा है। पंजाब के जल संसाधन विभाग के अधिकारियों से मिलकर तथा वहां के कलक्टर के माध्यम से पानी चोरी करने वाले किसानों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करवाई जाएगी। हैरत की बात है कि एक भी किसान के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई। विभाग का दावा है कि 45 आरडी पर 2050 क्यूसेक सिंचाई पानी मिल रहा है जबकि खखां हैड पर 1479 क्यूसेक सिंचाई पानी मिल रहा है। विभाग के एसई चालवा का तर्क है अभी गस्त चल रही है और अभी पानी चोरी नहीं हो रहा है तो फिर सवाल उठ रहा है कि और 571 क्यूसेक पानी का लॉसेज क्यूं हो रहा है ? इसका जवाब किसी अधिकारी के पास नहीं है।
आइजीएनपी में हालत खस्ता
आइजीएनपी में नहरबंदी के बाद सूरतगढ़ शाखा में छह जुलाई तक सिंचाई पानी नहीं मिला है। गांव सात एनजैडपी के किसान गोपाल राम ने बताया कि किसानों ने नहरबंदी में ट्यूबैवल से नरमा-कपास की बुवाई पांच-छह बीघों भूमि में की थी। समय पर सिंचाई पानी नहीं मिलने से नरमा की फसल कुछ जगह तो नष्ट हो गई। जहां पर हल्की बारिश हो गई थी और वहां नरमा की फसल खड़ी है। अब नरमा की फसल गर्मी में सिंचाई पानी के अभाव में झूलस रही है। चार माह बाद अनूपगढ़ शखा में एक सप्ताह सिंचाई पानी मिला है। अनूपगढ़ शाखा में 18 फरवरी 2021 तक सिंचाई पानी मिला था। इसके बाद नहरबंदी आ गई अब 22 जून से 30 जून तक सिंचाई पानी मिला है। नहर की क्षमता 2500 क्यूसेक से अधिक है जबकि सिंचाई पानी 2000 से 2100 क्यूसेक सिंचाई पानी मिला है। इससे किसान मूंग व ग्वार की बुवाई करेंगे। अनूपगढ़ किसान यूनियन के गुरविंद्र सिंह जाखड़ का कहना है कि सिंचाई पानी के अभाव में क्षेत्र के किसानों का हाल बहुत खराब बने हुए हैं।
———- 45 आरडी से 2000 हजार क्यूसेक से अधिक पानी मिल रहा है और उम्मीद है कि बुधवार सुबह तक सिंचाई पानी बढ़ जाएगा। इसके लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। जबकि खखा हैड पर 1479 क्यूसेक सिंचाई पानी मिल रहा है।
धीरज चावला,अधीक्षण अभियंता,जल संसाधन विभाग,श्रीगंगानगर।
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