सच्चे साहस के आगे दुश्मन पराजित
कर्नल तोमर कहते हैं परिस्थितियां कैसी भी हो, सच्चे साहस के आगे बड़े से बड़ा दुश्मन पराजित हो जाता है। करगिल युद्ध में भारतीय सेना के सामने विषम परिस्थितियां थी। ऊंचाई पर बैठा दुश्मन मजबूत स्थिति में था। हमारे युवा जांबाज अधिकारी और सैनिक शहीद हो रहे थे। ऐसे में तोलोलिंग और टाइगर हिल पर पुन: कब्जा करना जरूरी था। कर्नल तोमर ने बताया कि इस युद्ध से जुड़े किस्से बहादुरी और शौर्य की मिसाल हैं। दुश्मन की गोलियों की परवाह नहीं करते हुए भारतीय सेना के जवानों ने करगिल की पहाड़ियों को दुश्मन से मुक्त कर यह साबित कर दिया कि युद्ध कौशल में वह किसी से कम नहीं।
तब मनाया विजय का जश्न
कर्नल तोमर ने बताया कि तोलोलिंग और टाइगर हिल पर भारतीय सेना का कब्जा होने के बाद तत्कालीन प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने करगिल विजय की घोषणा की तो करगिल में जश्न का माहौल था। भारतीय सेना की जिन बटालियन ने युद्ध में भाग लिया था उन्हें अपने अधिकारियों और जवानों की शहादत का गम भी था। करगिल युद्ध की सिल्वर जुबली पर भारतीय सेना उन सभी शहीदों को सलाम कर रही है।