इसके तहत सूरतगढ़ रेलवे स्टेशन पर रेल लाइनों के विद्युतीकरण के लिए फाउंडेशन वकज़् शुरू कर दिया गया है। करीब एक सप्ताह के भीतर ही सभी प्लेटफामज़् पर विद्युत पोल व फ्रेम स्थापित करने के लिए अथज़् वकज़् पूरा किया जा चुका है। वहीं स्टेशन के रेलवे याडज़्, सूरतगढ़ से पीपेरन व बिरधवाल स्टेशन पर भी फाउंडेशन वकज़् शुरू हो चुका है। करीब दो माह में यह काम पूरा करने के साथ ही विद्युत पोल व जंक्शन स्टेशन पर विद्युतीकरण के लिए फ्रेम का कायज़् भी प्रारंभ हो जाएगा। रेलवे अधिकारियों की मानें तो, आगामी वषज़् से सूरतगढ़ से बठिण्डा के बीच बिजली से चलने वाली दु्रतगामी ट्रेने दौडऩी शुरू हो जाएगी।
वतज़्मान में प्रदेश में रेलवे लाइनों के विद्युतीकरण का कायज़् तेज गति से जारी है। हिसार-बठिण्डा-सूरतगढ़ तक 658 किलोमीटर रेलवे ट्रैक के विद्युतीकरण की वषज़् 2013 के रेल बजट में की गई थी।
31 माचज़् विद्युतीकरण का लक्ष्य
हिसार-बठिंडा-हनुमानगढ़-सूरतगढ़ रेलवे ट्रैक को विद्युतीकृत करने का कायज़् सेंट्रल आगेनज़इजेशन फोर रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन अंबाला व मुंबई की सिमीकल इलेक्ट्रिक प्राइवेट लिमिडेट कंपनी संयुक्त रूप से कर रही है। हिसार से सूरतगढ़ तक कुल दस हजार इलेक्ट्रिक पोल लगने हैं। जिसमें बठिण्डा से सूरतगढ़ के बीच पांच हजार विद्युत पोल लगेंगे। हिसार से बठिंडा के बीच डींग, बडागुढ़ा और घडीभागी तथा बठिंडा से सूरतगढ़ के बीच डबवाली, हनुमानगढ़ और सूरतगढ़ में सब स्टेशन बनाए जाएंगे। लाइनों के रखरखाव कायज़् के लिए कई स्टेशनों पर मेंटनेंस डिपो भी बनेंगे। जिनमें पोल, तार, कंडक्टर सहित सभी प्रकार के उपकरण का भंडारण होगा। रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन का कायज़् देख रहे रेल अधिकारियों के अनुसार बठिण्डा से हनुमानगढ़ के बीच 31 दिसम्बर 2018 तक तथा हनुमानगढ़ से सूरतगढ़ के बीच 31 माचज़् 2019 तक रेलवे ट्रैक को विद्युतीकृत करने का लक्ष्य रखा गया है।
सब स्टेशनों के निमाज़्ण में करीब सात से आठ माह का समय लगेगा। इस दौरान इस रेल ट्रैक को डींग सब स्टेशन से चाजज़् किया जाएगा। सूरतगढ़ स्टेशन पर बिजली की ट्रेनों का संचालन करने वाले स्टॉफ के लिए भवन, आवास तथा टावर वैगन के लिए भूमि का नक्शा तैयार हो चुका है। जिस पर जल्द कायज़् प्रारंभ होगा। वहीं पयाज़्वरण कारणों के चलते हनुमानगढ़ सब स्टेशन को शिफ्ट करने पर मंथन चल रहा है।
अगले वषज़् चलेंगी ट्रेनें
बठिण्डा से सूरतगढ़ बिरधवाल तक रेल लाइनों के इलेक्ट्रिफिकेशन का कायज़् तेज गति से जारी है। अगले वषज़् 31 माचज़् तक रेल लाइन को विद्युतीकृत करने के बाद वषज़् अंत तक हर हाल में बिजली की ट्रेनें चलाने का लक्ष्य है।
सोनू सैनी, एसएसई, इलेक्ट्रिकल, रेलवे, सिरसा।