भारतीयों का प्रदर्शन शानदार रहा है क्योंकि उन्होंने सभी विभागों में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। इस समय दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ड्रैग फ्लिकर में से एक हरमनप्रीत ने आगे बढ़कर नेतृत्व किया है और पेरिस ओलंपिक की तरह ही फॉर्म में लौट आए हैं, उन्होंने पांच पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदला है। स्ट्राइकरों ने दिखाया है कि उन्होंने फील्ड गोल करने पर ध्यान दिया है और युवा फॉरवर्ड सुखजीत सिंह, अभिषेक, उत्तम सिंह, गुरजोत सिंह, अरिजीत सिंह हुंडल और अन्य ने अच्छा प्रदर्शन किया है। मिडफील्डर राज कुमार पाल ने भी कुछ बेहतरीन फील्ड गोल करके शानदार प्रदर्शन किया है। इसके अलावा अनुभवी मनप्रीत सिंह, उप-कप्तान विवेक सागर प्रसाद और नीलकांत शर्मा ने मिडफील्ड में बेहतरीन प्रदर्शन किया है।
भारतीय डिफेंस ने भी शानदार प्रदर्शन किया है और सिर्फ चार गोल खाए हैं। गोलकीपर कृष्ण बहादुर पाठक और सूरज करकेरा ने दिखाया है कि वे दिग्गज पीआर श्रीजेश की जगह लेने के लिए तैयार हैं। फिर भी, कोरिया अपने दिन किसी भी टीम को चौंका सकता है, जैसा कि उन्होंने हूटर पर बराबरी करके दिखाया और मलेशिया के खिलाफ 3-3 से ड्रॉ किया और इससे उन्हें सेमीफाइनल में पहुंचने में मदद मिली। भारतीय डिफेंस को भी सावधान रहना होगा और बहुत अधिक पेनल्टी कॉर्नर नहीं खाने होंगे, क्योंकि टूर्नामेंट में सात गोल के साथ शीर्ष स्कोरर जिहुन यांग शानदार फॉर्म में हैं।