चैंपियनशिप के आयोजकों ने रामबाई को 2500 खिलाडिय़ों के सामने प्रेरणा स्रोत के रूप में पेश किया। खेल मैदान में रामबाई की फोटो, उम्र और उपलब्धि दर्शाते बैनर लगाए गए। उनकी नातिन शर्मिला ने बताया कि नानी खुद की फोटो खेल मैदान में देखकर खिलखिला उठीं। दादी रामबाई की 65 साल की बेटी संतरा देवी ने अलग-अलग स्पर्धाओं में तीन मेडल पर कब्जा किया। रामबाई ने नेपाल में अंतरराष्ट्रीय मास्टर एथलेटिक्स चैंपियनशिप की 100 और 200 मीटर दौड़ स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीते थे। इसके अलावा मलेशिया में भी 100 और 200 मीटर दौड़ स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं।
नातिन की प्रेरणा से उतरीं मैदान में रामबाई चरखी दादरी जिले की सबसे वयोवृद्ध महिला हैं। वह लगातार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में स्वर्ण पदकों की झड़ी लगा रही हैं। नातिन शर्मिला की प्रेरणा से चार साल पहले वह खेल के मैदान में उतरी थीं। राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में 50 पदक जीत चुकी हैं। एक हफ्ते में उन्होंने दो राष्ट्रीय स्पर्धाओं में पांच स्वर्ण पदक जीते। हाल ही उन्होंने राजस्थान के अलवर में 100 मीटर दौड़ स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था।
खेतों की सैर और देसी खुराक रामबाई की तरह उनकी दो बेटी सुंदर देवी (70) और संतरा देवी (65) भी एथलीट हैं। दोनों नेशनल स्पर्धाओं में पदक जीत चुकी हैं। ज्यादातर स्पर्धाओं में रामबाई अपनी बेटियों नातिन के साथ भाग लेती हैं। नियमित पैदल चलना और देसी खुराक रामबाई की सेहत का राज है। वह सुबह-शाम आधा किलो दूध पीती हैं। घी, चूरमा, दही और मिस्सी रोटी खाती हैं। सुबह-शाम खेतों में सैर करने जाती हैं।