अदालत ने एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश और दो अवर पुलिस महानिदेशकों की समिति बनाने के आदेश दिए। जांच की रिपोर्ट एक महीने में देनी होगी और जांच के मुद्दे क्षेत्राधिकार और हरियाणा सुरक्षा बलों के बलप्रयोग का विरोध प्रदर्शनों के अनुपात में इस्तेमाल किया गया अथवा नहीं, होंगे। अदालत ने इसी के साथ हरियाणा सरकार से यह भी जानना चाहा है कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कौन सी गोलियां इस्तेमाल की जा रही हैं।
वकील प्रवीण कुमार तपाड़िया ने कहा था कि हरियाणा सरकार दावा कर रही है कि प्लास्टिक की गोलियों का इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन पीड़ित की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार पीड़ित की खोपड़ी में धातु के छर्रे पाये गए हैं। अदालत ने आंदोलन में किसानों को प्रदर्शन स्थल पर बच्चों और महिलाओं को लाने पर फटकार लगाई और आंदोलन में बच्चों के इस्तेमाल को “शर्मनाक” करार दिया। इस संदर्भ में हरियाणा सरकार ने अदालत में तस्वीरें दिखाईं थीं।