किसानों ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में जहां पर किसान वर्तमान समय में उन्नत फसलों का उत्पादन करने के प्रति जागरुक है, लेकिन उसके बावजूद भी सरकार की कई योजनाएं बजट में शामिल नहीं होने से किसानों को उसका लाभ नहीं मिल पाता है। ऐसे में ऐसी योजनाओं के लिए भी सरकार बजट में ध्यान रखें। ताकि किसानों को भी उसका लाभ मिल सके। वही बूंदी जिले की सिंचाई परियोजना गरडदा बांध से किसानों को लाभ मिले। उसके लिए भी सरकार को इस ओर ध्यान देकर इसका विशेष पैकेज तैयार करके बजट में घोषणा की जाए पत्रिका के टॉक शो में अन्य सुझाव दिए गए। कार्यक्रम में लाडपुर के रामनारायण मीणा, गणपतपुरा के कालू लाल, बागदा के श्रवण लाल, कन्हैया लाल मीणा, रामपुर फॉर्म के ओमप्रकाश मालव, रघुनंदन, मडीत्या के मस्तराम मीणा सहित अन्य किसानों ने भाग लिया।
यह दिए महत्वपूर्ण सुझाव
किसानों को राज्य सरकार द्वारा घोषित 6 घंटे निर्बाध बिजली मिलने के साथ एक कृषि कनेक्शन भी निर्धारित अवधि में दिए जाए। सिंचाई की जीवन दायनी नहरों की मरम्मत का कार्य समय पर हो। इसके लिए अलग से बजट जारी हो, ताकि किसानों को समय पर पिलाई के लिए पानी मिल सके।
किसानों को राज्य सरकार द्वारा घोषित 6 घंटे निर्बाध बिजली मिलने के साथ एक कृषि कनेक्शन भी निर्धारित अवधि में दिए जाए। सिंचाई की जीवन दायनी नहरों की मरम्मत का कार्य समय पर हो। इसके लिए अलग से बजट जारी हो, ताकि किसानों को समय पर पिलाई के लिए पानी मिल सके।
नहरों पर क्षतिग्रस्त पुलियाओं का निर्माण कार्य भी करवाया जाए। ताकि आमजन को उसका लाभ मिल सके। इसके साथ ही टेल क्षेत्र में पानी पहुंचाने को लेकर प्रोग्राम तय किया जाए। ताकि किसानों को पिलाई के लिए सिंचाई के लिए पानी मिल सके।
दर्जनों गांवों को जोड़ने के लिए मांगली नदी पर वैकल्पिक पुलिया के लिए बजट में मंडी को सीधा जोड़ने के लिए शिव शक्ति का खेड़ा में सड़क का 2 किलोमीटर की सड़क का निर्माण कार्य बजट में घोषणा की जाए।
धान की रोपाई के समय किसानों को नहरी पानी उपलब्ध करवाए जाने के लिए स्पष्ट नीति बनाई जाए। फसल खराबे के दौरान दिए जाने वाले मुआवजा राशि को महंगाई के अनुसार बढ़ाया जाए, ताकि किसानों को ज्यादा आर्थिक नुकसान नहीं हो।
कृषि कनेक्शन जारी करने के लिए समय सीमा तय की जाए, वहीं फव्वारा सिंचाई पर अनुदान राशि बढ़ाई जाए। किसानों को ग्राम पंयायत स्तर पर खाद उपलब्ध करवाए जाने की व्यवस्था बने ताकि जरूरत के समय किल्लत का सामना नहीं करना पड़े।