scriptजिले में 2131 क्विंटल अफीम डोडे तुले, किसानों को मिले 4 करोड़ 26 लाख | नारकोटिक्स विभाग की ओर से 15दिन से झालावाड़ के गोविन्द भवन में चल रहा सीपीएस पद्धति के डोडों का तौल शनिवार को पूर्ण हो गया। जिले में कुल 3242 किसानों के अफीम डोडों का तोल पूरा कर लिया गया है। जिले 2131 क्विंटल डोडे को कंप्रेस्ड कर अफीम फैक्ट्री नीमच भेजा गया है | Patrika News
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जिले में 2131 क्विंटल अफीम डोडे तुले, किसानों को मिले 4 करोड़ 26 लाख

नारकोटिक्स विभाग की ओर से 15दिन से झालावाड़ के गोविन्द भवन में चल रहा सीपीएस पद्धति के डोडों का तौल शनिवार को पूर्ण हो गया। जिले में कुल 3242 किसानों के अफीम डोडों का तोल पूरा कर लिया गया है। जिले 2131 क्विंटल डोडे को कंप्रेस्ड कर अफीम फैक्ट्री नीमच भेजा गया है

झालावाड़May 06, 2024 / 08:37 pm

harisingh gurjar

झालावाड़ गो​विन्द भवन में डोडो को कंप्रेस्ड करते हुए कर्मचारी।

झालावाड़ गो​विन्द भवन में डोडो को कंप्रेस्ड करते हुए कर्मचारी।

-15 दिन चला सीपीएस पद्धति के डोडों का तौल

.नारकोटिक्स विभाग की ओर से 15दिन से झालावाड़ के गोविन्द भवन में चल रहा सीपीएस पद्धति के डोडों का तौल शनिवार को पूर्ण हो गया। जिले में कुल 3242 किसानों के अफीम डोडों का तोल पूरा कर लिया गया है। जिले 2131 क्विंटल डोडे को कंप्रेस्ड कर अफीम फैक्ट्री नीमच भेजा गया है। जिले के 418 गांवों के किसानों के डोडों का तौल किया पूर्ण हो चुका है। इसके बदले किसानों को 4 करोड़ 26 लाख से अधिक का भुगतान किया जा चुका है।

जिले में इतने किसानों के डोडों की हुई तुलाई-

जिले में 418 गांवों में सीपीएस पद्धति से अफीम की खेती की गई है। जिसमें 3242 पट्टे सीपीएस के है,यानी इन पट्टों में चीरा नहीं लगाया गया है। इनमें डोडे सहित अफीम नारकोटिक्स विभाग को तुलवाई गई है। शहर के गोविन्द भवन में नारकोटिक्स विभाग ने 15 दिन तक दो ट्रैक्टर में कंप्रेश मशीन में डोडो को डंठल सहित कंप्रेश किया जाकर पैकिट बनाकर अफीम भेजी कंटेनर से भेजे गए।

जिले में इतने पट्टे-

सीपीएस पद्धति केझालावाड़ जिले में कुल 3242 पट्टे दिए गए है, यहां 19 अप्रेल से डोडों का तौल शुरू हुआ जो 4 मई तक चला। इस काम के लिए 50 अधिक मजदूरों ने नियमित काम किया।

ये था नियम-

किसान तौल के लिए जो डोडे लेकर आए उनके डंठल बहुत लंबे नहीं होने चाहिए।इसके लिए विभाग की ओर से निर्देश जारी किए गए थे। कि डोडे सहित डंठल की लंबाई आठ इंच से अधिक नहीं होनी चाहिए। लंबे डंठल होने से मशीन में इन्हें कंप्रेश करने में परेशानी होती है, ऐसे में कुछ किसानों के आठ इंच से अधिक के डंठल होने से उन्हे वापस भेजा गया।दूबारा से नियमानुसार लाने पर उनका तौल किया गया।

इतने हैक्टेयर में थी सीपीएस की अफीम-

जिले में सीपीएस पद्धति से अफीम की खेती 323 हैक्टेयर में की गई थी। जिसमें 418 गांवों के 3242 किसानों ने अफीम की बुवाई कर विभाग के तय मापदंडों के अनुसार 4 मई तक तुलाई पूर्ण करवाई।

फैक्ट फाइल-

– अभी तक 418 गांवों के किसानों के डोडों की हुई तुलाई

– 3242 किसानों के डोडों की तुलाई हुई

-323 हैक्टेयर के डोडों की हुई तुलाई

– कुल वजन-2132 क्विंटल
– कुल भुगतान- 42635692

इस तरह पहुंचती विभाग के पास-

सीपीएस पद्धति के तहत पट्टाधारी किसानों को अपनी फसल को खेत में ही सूखने तक खड़े रखना पड़ता हैं। किसानों द्वारा डोडों के चीरे नहीं लगाए जाते हैं। विभाग द्वारा निर्देश के बाद किसानों द्वारा 8 इंच लंबी डंडी के साथ डोडों को तोड़कर संग्रहित कर लिया जाता हैं। इस दौरान किसान डोडों में छेद कर पोस्त दाना निकाल लेता हैं। इसके बाद अफीम तौल केन्द्र पर अपनी बारी आने पर किसान द्वारा फसल वहां लाई जाती हैं। जिसमें से 100 ग्राम का सैंपल लेने के बाद किसानों की फसल को मशीनों से कम्प्रेश किया जाता हैं और बोरों में भरकर अफीम फैक्ट्री भिजवा दिया जाता हैं। इस प्रक्रिया में किसानों को उनकी फसल का 200 रुपए प्रति किलो के हिसाब से भुगतान किया जाता हैं।

तुलाई पूर्ण हो चुकी –

शहर के गोविन्द भवन में सीपीएस पद्धति वाले अफीम किसानों के डोडों का तौल पूर्ण हो चुका है। पूरा माल पैककर विभाग के अधिकारियों की निगरानी में डोडों से भरे कंटेनर को अफीम फैक्ट्री नीमच भेज चुके हैं। सभी अधिकारियों व कर्मचारियों ने 15 दिन से कड़ी मेहनत की। जिले में 4 करोड़ से अधिक का भुगतान किसानों को किया जा चुका है। पूरा काम पारदर्शितापूर्ण तरीके से हुआ।

महेंद्र कुमार जैन, जिला अफीम अधिकारी, झालावाड़

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