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सिरोही

16 वर्षों में पूरी सीवरेज योजना बनी चर्चा का विषय, विरोध प्रदर्शन से हरकत में आया पालिका प्रशासन

आबू संघर्ष समिति के बैनर तले नागरिकों के प्रदर्शन के बाद सोमवार को अहमदाबाद से विशेषज्ञों सहित सुपर सक्शन मशीनें लाई।

सिरोहीSep 26, 2024 / 03:14 pm

Santosh Trivedi

स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वच्छता के लिए व्यापक अभियान चलाए जा रहे हैं। गत ढाई दशक पूर्व सीवरेज परियोजना की कवायद आरंभ की थी जिसके चलते औपचारिकताएं पूर्ण कर 2008 में योजना को धरातल पर लाने पर कार्य आरंभ हुआ।
ज्ञातव्य है कि कार्य में कई कंपनियों को बदलने के बाद 16 वर्षों की लंबी जद्दोजहद के उपरांत सीवरेज लाइन से नागरिकों के आवासों व व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को जोड़ने की बात कही। पिछले लंबे समय से सीवरेज का गंदा पानी सड़कों पर आवागमन के लिए परेशानियों का सबब बनने से लेकर नक्की झील में बह रहा था। जिसे पालिका प्रशासन के प्रयासों से उदयपुर से सक्शन मशीनें मंगवाई।

विरोध प्रदर्शन से हरकत में आया पालिका प्रशासन

आबू संघर्ष समिति के बैनर तले नागरिकों के प्रदर्शन के बाद सोमवार को अहमदाबाद से विशेषज्ञों सहित सुपर सक्शन मशीनें लाई। जिससे उसी दिन नक्की चौक से पोलोग्राउंड जाने वाली सुरंग में बिछी लाइन को दुरूस्त कर सीवरेज के गंदे पानी की निकासी सुचारू होने लगी। मंगलवार को गुलाब गार्डन की टनल को भी खोल दिया। वहां भी लाइन चालू की है। जिससे फिलवक्त नागरिकों ने राहत की सांस ली।

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ये है सीवरेज कार्यों का ब्यौरा

जानकारी के अनुसार पूर्व में विभिन्न चरणों में 34.37 करोड़ रुपए की योजना के प्रथम चरण में 6 करोड़ 55 लाख की लागत से 700 मीटर की 300 मिमी व्यास एचडीपीई पाईप लाइन, 43 प्रीकॉस्ट मेनहोल कार्यों को 23 जुलाई 2008 में आरंभ किया था। जो 22 जुलाई 2010 को पूरा होना था। इसी तरह दूसरे चरण में करीब 20 करोड़ लागत से पीबीसी घरेलू कनेक्शन पाईप समेत 22 हजार 100 मीटर सीवरेज लाईन, 2090 मेनहोल कार्य 9 अगस्त 2008 को आरंभ किया गया जो 8 फरवरी 2011 को पूरा होना था। तीसरे चरण में 7 करोड़ 73 लाख की लागत से 6 एमएलसीडी क्षमता का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट निर्माण कार्य 13 अगस्त 2008 को शुरु हुआ जो 12 फरवरी 2011 में पूरा करना था। 2018 में वर्तमान ठेकेदार की ओर से सीवरेज कार्य अपने हाथों में लिया गया। जो 2024 में पूरा होना बताया जा रहा है।
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इन्होंने कहा

माउंट आबू की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए यहां बिछाई सीवरेज लाइन में तकनीकी खामियां होना लाजिमी है। जमीन के नीचे खोदी गई टनल बार बार ब्लॉक होने से यह समस्या रहेगी। जिसके लिए रूडिप व पालिका को हर समय तैयार रहना चाहिए।
ठाकुर हरीराम, पर्यटक, शिमला।

सीवरेज की लाइनें ब्लॉक होने से सीवरेज का पानी नक्की झील में जाने समेत कई स्थानों पर प्रीकॉस्ट मेनहोल से पानी के फब्बारे निकलकर सड़कों पर बहने की समस्या थी। उसे दो दिनों की लंबी जद्दोजहद के बाद दुरुस्त किया है। सीवरेज के पानी की निकासी सुचारू ट्रीटमेंट प्लांट तक हो रही है।
नवोदित सिंह, एईएन, पालिका, माउंट आबू

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