रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को ज्ञापन सौंप कर वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया है। चेयरमैन ने आश्वस्त किया है कि जल्द ही वह ट्रेन को चलाने का निर्देश जारी कराएंगे। सोनभद्र के सांसद पकौडी लाल कोल व क्षेत्रीय रेल उपयोगकर्ता परामर्श दात्री समिति के सदस्य एसके गौतम ने रेल मंत्रालय में बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव से मुलाकात कर उन्हें मांग पत्र सौंपा है।
सांसद व सदस्य ने सिंगरौली-शक्तिनगर से वाराणसी तक चलने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस को कोहरे के कारण बंद किए जाने को अनुचित बताया है। इसके अलावा उन्होंने सिंगरौली-शक्तिनगर से चलने वाली त्रिवेणी एक्सप्रेस के निरंतर लेट चलने कि ओर भी बोर्ड के चेयरमैन का ध्यान आकृष्ट कराया है। त्रिवेणी एक्सप्रेस को समयानुसार चलाए जाने की मांग की गई है। मांग के मद्देनजर चेयरमैन ने एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर कोचिंग को बुलाकर दोनों ट्रेंनों के समय अनुसार चलाए जाने का निर्देश दिया है।
सांसद ने चोपन से सिंगरौली व करैला रोड से शक्तिनगर 32 किमी रेल लाइन के दोहरीकरण और करैला रोड से सिंगरौली तक व करैला रोड से शक्ति नगर 32 किमी रेल लाइन विद्युतीकरण की कार्य शीघ्र पूरा कराने का अभी अनुरोध किया है। आगामी रेल बजट में चोपन-चुनार 103 किमी रेल लाइन दोहरीकरण और राबट्र्सगंज-मुगलसराय वाया मधुपुर-सुकृत-अहरौरा 70 किमी तथा सिंगरौली-लूसा-घोरावल नई रेल लाइन के लिए आगामी रेल बजट में धनराशि जारी किए जाने की मांग की है।
बड़े शहरों से जुड़ जाएगी ऊर्जाधानी
सांसद पकौडी लाल व सदस्य एसके गौतम ने चेयरमैन रेलवे बोर्ड को अवगत कराया कि नई रेल लाइनों के बनने से देश की ऊर्जाधनी के रूप में जाने वाले सिंगरौली व शक्तिनगर का रेल लाइन के जरिए सीधा मुगलसराय व वाराणसी से जुड़ाव हो जाएगा।ये नई रेल लाइन बनने से कोयला ढुलाई भी आसान होगी। इस लाइन से बड़े महानगरों व रामनगर स्थित बंदरगाह से फैक्टरी प्रबंधन की सीधी पहुंच आसान होने के साथ-साथ मुंबई व भारत के महानगरों की दूरी 150 से 200 किमी तक कम हो जाएगी।
सांसद पकौडी लाल व सदस्य एसके गौतम ने चेयरमैन रेलवे बोर्ड को अवगत कराया कि नई रेल लाइनों के बनने से देश की ऊर्जाधनी के रूप में जाने वाले सिंगरौली व शक्तिनगर का रेल लाइन के जरिए सीधा मुगलसराय व वाराणसी से जुड़ाव हो जाएगा।ये नई रेल लाइन बनने से कोयला ढुलाई भी आसान होगी। इस लाइन से बड़े महानगरों व रामनगर स्थित बंदरगाह से फैक्टरी प्रबंधन की सीधी पहुंच आसान होने के साथ-साथ मुंबई व भारत के महानगरों की दूरी 150 से 200 किमी तक कम हो जाएगी।