एनआईटी की जेंडर न्यूट्रल पूल कोटे से क्लोजिंग रैंक 7 लाख 12487 एआईआर पर एनआईटी मिजोरम की मैथ्स एन्ड कंप्यूटिंग एवं 10 लाख 70 हजार 84 एआईआर पर फीमेल पूल कोटे से एनआईटी मिजोरम की मैकेनिकल ब्रांच होम स्टेट कोटे से आवंटित हुई।
ऐसे समझें पूरा गणित
एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि इस साल जोसा काउंसलिंग में बेटियों को सुपर न्यूमेरेरी सीटें मिलाकर 20 प्रतिशत फीमेल पूल से सीटें आवंटित की गई। जिससे पीछे की रैंक वाली बेटियों को भी अपने ऑप्शन में भरे हुए कॉलेज ब्रांच वरीयता सूची के अनुसार शीर्ष आईआईटी-एनआईटी कीकंप्यूटर साइंस ब्रांच को चुनने का अवसर मिला है। वहीं इस साल टॉप रैंक्स में पिछले साल के मुकाबले बेटियां कम होने से आईआईटी बॉबे में सीएस ब्रांच की ओपन से क्लोजिंग रैंक 421 एआईआर तक चली गई। जबकि पिछले साल प्रथम राउंड में 291 रैंक वाली बेटियों को आईआईटी बॉबे में सीएस ब्रांच मिली थी। इस वर्ष टॉप 7 आईआईटी में फीमेल पूल कोटे से क्लोजिंग रैंक दिल्ली की 556, मद्रास की 757, कानपूर की 1117, खरगपुर की 1579, रूडकी की 1697, हैदराबाद की 1809 एवं गुवाहटी की 2095 एआईआर रही।
एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि इस साल जोसा काउंसलिंग में बेटियों को सुपर न्यूमेरेरी सीटें मिलाकर 20 प्रतिशत फीमेल पूल से सीटें आवंटित की गई। जिससे पीछे की रैंक वाली बेटियों को भी अपने ऑप्शन में भरे हुए कॉलेज ब्रांच वरीयता सूची के अनुसार शीर्ष आईआईटी-एनआईटी कीकंप्यूटर साइंस ब्रांच को चुनने का अवसर मिला है। वहीं इस साल टॉप रैंक्स में पिछले साल के मुकाबले बेटियां कम होने से आईआईटी बॉबे में सीएस ब्रांच की ओपन से क्लोजिंग रैंक 421 एआईआर तक चली गई। जबकि पिछले साल प्रथम राउंड में 291 रैंक वाली बेटियों को आईआईटी बॉबे में सीएस ब्रांच मिली थी। इस वर्ष टॉप 7 आईआईटी में फीमेल पूल कोटे से क्लोजिंग रैंक दिल्ली की 556, मद्रास की 757, कानपूर की 1117, खरगपुर की 1579, रूडकी की 1697, हैदराबाद की 1809 एवं गुवाहटी की 2095 एआईआर रही।
ऑनलाइन रिपोर्टिंग
ऑनलाइन रिपोर्टिंग के दौरान विद्यार्थियों को सबसे पहले इनिशियल सीट अलॉटमेंट इन्फोर्मशन स्लीप डाउनलोड करनी होगी। इसके बाद विद्यार्थियों को आगे की काउंसलिंग में जाने के लिए काउन्सलिंग विकल्प फ्रीज, लॉट व स्लाइड चुनना होगा। काउन्सलिंग विकल्प चुनकर विद्यार्थियों को आवश्यक दस्तावेजों 10वीं, 12वीं की अंकतालिका, कक्षा 12वीं का प्रमाण पत्र, कैटेगिरी संबंधित दस्तावेज, मेडिकल सर्टिफिकेट,एवं कैंसिल चैक जैसे दस्तावेजों को स्कैन कर अपलोड करनी होगी। आखिरी चरण में विद्यार्थी को सीट असेपटेंस फीस जमा करनी होगी। विद्यार्थी इस फीस को डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, नेट बैंकिंग एवं एसबीआई चालान से जमा कर सकता है, जो सामान्य, ईडब्ल्यूएस, ओबीसी कैटेगिरी के लिए 35 हजार, एससी-एसटी एवं शारीरिक विकलांग के लिए 17 हजार 500 रुपए रखी गई है। फीस जमा कराने के बाद विद्यार्थियों के दस्तावेज जांच कर सीट का कन्फर्मेशन दिया जाएगा। स्टूडेंट्स को आई क़्वेरी का 25 जून तक रेस्पॉन्स करना जरूरी है अन्यथा उनको मिली सीट निरस्त कर दी जाएगी।
ऑनलाइन रिपोर्टिंग के दौरान विद्यार्थियों को सबसे पहले इनिशियल सीट अलॉटमेंट इन्फोर्मशन स्लीप डाउनलोड करनी होगी। इसके बाद विद्यार्थियों को आगे की काउंसलिंग में जाने के लिए काउन्सलिंग विकल्प फ्रीज, लॉट व स्लाइड चुनना होगा। काउन्सलिंग विकल्प चुनकर विद्यार्थियों को आवश्यक दस्तावेजों 10वीं, 12वीं की अंकतालिका, कक्षा 12वीं का प्रमाण पत्र, कैटेगिरी संबंधित दस्तावेज, मेडिकल सर्टिफिकेट,एवं कैंसिल चैक जैसे दस्तावेजों को स्कैन कर अपलोड करनी होगी। आखिरी चरण में विद्यार्थी को सीट असेपटेंस फीस जमा करनी होगी। विद्यार्थी इस फीस को डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, नेट बैंकिंग एवं एसबीआई चालान से जमा कर सकता है, जो सामान्य, ईडब्ल्यूएस, ओबीसी कैटेगिरी के लिए 35 हजार, एससी-एसटी एवं शारीरिक विकलांग के लिए 17 हजार 500 रुपए रखी गई है। फीस जमा कराने के बाद विद्यार्थियों के दस्तावेज जांच कर सीट का कन्फर्मेशन दिया जाएगा। स्टूडेंट्स को आई क़्वेरी का 25 जून तक रेस्पॉन्स करना जरूरी है अन्यथा उनको मिली सीट निरस्त कर दी जाएगी।
इनको देनी होगी 12वीं की मार्कशीट
ऐसे विद्यार्थी जिन्होंने जोसा काउंसलिंग में एनआईटी कॉलेजों के विकल्प भरे हैं, उन्हें स्टेट ऑफ एलिजिबिलिटी प्रूफ के तौर पर 12वीं बोर्ड का सर्टिफिकेट या मार्कशीट स्कैन कर अपलोड करनी होगी। आईआईटी की कॉलेज च्वाइस भरने वाले अभ्यर्थियों को स्टेट ऑफ एलिजिबिलिटी प्रूफ देने की जरूरत नहीं है। जिन अभ्यर्थियों को प्रथम राउंड में कॉलेज आवंटन नहीं हुआ है। उन्हें ऑनलाइन रिपोर्टिंग व सीट असेपटेंस फीस जमा करने की जरूरत नहीं हैं। उन्हें अगली काउंसलिंग का इंतजार करना होगा।
ऐसे विद्यार्थी जिन्होंने जोसा काउंसलिंग में एनआईटी कॉलेजों के विकल्प भरे हैं, उन्हें स्टेट ऑफ एलिजिबिलिटी प्रूफ के तौर पर 12वीं बोर्ड का सर्टिफिकेट या मार्कशीट स्कैन कर अपलोड करनी होगी। आईआईटी की कॉलेज च्वाइस भरने वाले अभ्यर्थियों को स्टेट ऑफ एलिजिबिलिटी प्रूफ देने की जरूरत नहीं है। जिन अभ्यर्थियों को प्रथम राउंड में कॉलेज आवंटन नहीं हुआ है। उन्हें ऑनलाइन रिपोर्टिंग व सीट असेपटेंस फीस जमा करने की जरूरत नहीं हैं। उन्हें अगली काउंसलिंग का इंतजार करना होगा।