Rajasthan News : रैवासा पीठाधीश्वर राघवाचार्य का हुआ अंतिम संस्कार, राजेन्द्र दास देवाचार्य होंगे नए पीठाधीश्वर
Sikar News : सीकर जिले के रैवासा पीठाधीश्वर राघवाचार्य शुक्रवार सुबह देवलोकगमन हो गए थे। शनिवार सुबह महंत राघवाचार्य की अंतिम यात्रा निकाली गई। इसके बाद उनका रेवासा मंदिर के पास बावड़ी के प्रांगण में आज शनिवार को अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार में बड़े-बड़े नेता, धर्मगुरु और अनेक पीठाधीश्वर शामिल हुए।
Sikar News : राजस्थान में संस्कृत शिक्षा, वेद विद्यालयों के संरक्षण और गो-उत्पादों को घर-घर पहुंचाने वाले रैवासा पीठाधीश्वर राघवाचार्य का शुक्रवार सुबह देवलोकगमन हो गया। शनिवार सुबह महंत राघवाचार्य की अंतिम यात्रा निकाली गई। इसके बाद उनका रेवासा मंदिर के पास बावड़ी के प्रांगण में आज शनिवार को अंतिम संस्कार किया गया। रैवासा पीठाधीश्वर के नए उत्तराधिकारी राजेंद्रदास महाराज ने मुखाग्नि दी। अंतिम संस्कार में बड़े-बड़े नेता, धर्मगुरु और अनेक पीठाधीश्वर शामिल हुए। शुक्रवार तड़के बाथरूम में दिल का दौरा पड़ने पर राघवाचार्य को उपचार के लिए सीकर लाया गया। यहां महाराज ने आखिरी सांस ली। रैवासा पीठाधीश्वर राघवाचार्य वेदांत विषय में गोल्ड मेडलिस्ट थे। वे राजस्थान संस्कृति अकादमी के अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने राजस्थान में वेदाश्रमों की भी स्थापना की।
सीएम भजनलाल सहित कई जनप्रतिनिधि व अधिकारियों ने जताई संवेदना
रैवासा पीठाधीश्वर के ब्रह्मलीन होने का समाचार मिलने पर सीएम भजनलाल शर्मा सहित कई जनप्रतिनिधि व अधिकारियों ने संवेदना जताई है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़, राज्यसभा सदस्य घनश्याम तिवाड़ी, पूर्व सांसद सुमेधानंद सरस्वती, हवामहल विधायक बालमुन्दाचार्य, सांगलिया पीठ के ओमदास, मनोहरशरणदास महाराज, चंद्रमादास महाराज, भाजयुमो जिलाध्यक्ष स्वदेश शर्मा, भाजपा नेता महेश शर्मा, मधु कुमावत सहित सैकड़ों लोग रैवासापीठ पहुंच गए। साधु संत, शिष्य व ग्रामीणों की सहमति से तय किया गया कि राघवाचार्य का अंतिम संस्कार शनिवार सुबह साढ़े नौ बजे रैवासा गांव में होगा। इससे पहले महाराज की पार्थिक देह दर्शनों के लिए मंदिर व गौशाला में रखी गई।
महाराज अपने शयन कक्ष से समय के अनुसार बाहर नहीं आने पर शिष्य जब कक्ष में गए तो महाराज अचेत अवस्था में बाथरूम में थे। शिष्य ने महाराज को ऐसी हालात में देखने पर तुरंत ही दूसरे शिष्यों को बुलाया और सीकर के एक अस्पताल में लेकर आए जहां डॉक्टरों ने उनके देवलोकगमन के बारे में बताया।
हरेक के साथ रहते थे
डॉ. स्वामी राघवाचार्यजी वेदांती महाराज हमेशा हर जरूरतमंद व्यक्ति के लिए हमेशा तैयार रहते थे। वे कहते थे इनकी मैं नहीं सुनूंगा तो भगवान मेरी नहीं सुनेंगे। फिर उसके लिए वे किसी भी अधिकारी, नेता को तुरंत फोन करने से नहीं कतराते थे।
वेद विद्यालय में अध्ययनरत छात्रों के लिए बाहर जाते थे महाराज
रैवासा पीठ में भगवान के दर्शन करने के लिए आने वाले श्रद्धालु कई बार महाराज के मंदिर में नहीं मिलने पर निराश होते थे। वे कई बार महाराज को फोन करते कहते थे महाराज कई बार आ चुके लेकिन आपके दर्शन नहीं होते हैं। महाराज कहते थे अरे भाईसाब मैं बाहर नहीं निकलूंगा तो वेद विद्यालय में अध्ययन करने वाले मेरे बच्चों को क्या खिलाऊंगा। कहते थे मेरा उद्देश्य इनको वेदों को अध्ययन कराना है। वेद विद्यालय में अध्ययनरत छात्रों के लिए किसी प्रकार का कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। वेद के साथ-साथ इन बच्चों को स्कूली शिक्षा भी दी जाती है।
महाराज अपने आप में एक संस्था : मदन राठौड़
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि महाराज अपने आप में एक संस्था थे। उन्होंने जिस प्रकार से संस्कृत और संस्कृति को पूरे प्रदेश में जीवंतता प्रदान की इसके लिए पूरा प्रदेश महाराज का ऋणी रहेगा। उन्होंने कहा कि महाराज ने जिस प्रकार से भगवान राम का मंदिर बनाने के लिए कार सेवा से लेकर मंदिर निर्माण तक संघर्ष किया वह निश्चित रूप से सराहनीय है।
इन्होंने किया नमन
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़, घनश्याम तिवाड़ी, प्रदेश उपाध्यक्ष नाहर सिंह जोधा, प्रदेश मंत्री महेंद्र कुमावत, देहात अध्यक्ष राजेश गुर्जर, जिलाध्यक्ष डॉ. कमल सिखवाल, विधायक गोरधन वर्मा, स्वामी सुमेधानंद, संजय सैनी व डॉ. बलवंत सिंह चिराणा, जिला उपाध्यक्ष गोविंद सैनी व बाबूसिंह बाजौर, जिला मीडिया संयोजक जितेंद्र माथुर, जिला प्रवक्ता जितेंद्र सिंह कारंगा सहित जिला भाजपा पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की।