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Rajasthan Road Accident : 11 दिन पहले ही खरीदी थी नई कार, दर्दनाक हादसे ने लील लिया परिवार

Rajasthan Road Accident : दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर रविवार को बनास पुलिया के पास हुआ हादसा कई परिवारों को गहरा दर्द दे गया। हादसे में एक ही परिवार के चार लोगों की मौत से सीकर और मुकन्दगढ़ सिहर उठे।

सीकरMay 05, 2024 / 07:04 pm

Kamlesh Sharma

सीकर। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर रविवार को बनास पुलिया के पास हुआ हादसा कई परिवारों को गहरा दर्द दे गया। हादसे में एक ही परिवार के चार लोगों की मौत से सीकर और मुकन्दगढ़ सिहर उठे। अब परिवार में मृतकों की मां व एक बेटा व एक बेटी बची है। किराणा और चाय की दुकान के लिए बाजार से सामान लाने के लिए पिछले दिनों ही इस परिवार ने कार खरीदी थी।
पिछले सप्ताह ही कार का पूजन कराने के लिए गणेशजी के जाने का कार्यक्रम बनाया था। हादसे में तीन परिवारों के छह सदस्यों की मौत हो हैं। दो सगे भाई और उनकी पत्नियों के साथ ही एक बुआ की जान चली गई। हादसे में दो मासूम बच्चे गंभीर घायल हो गए हैं, जिनका जयपुर में इलाज चल रहा है। परिवार में पीछे एक वृद्धा और दो मासूम बच्चे मनन शर्मा 13 वर्ष व दीपाली (गुड्डन) 8 वर्ष बचे हैं।

11 दिन पहले ही खरीदी थी नई कार


मनीष शर्मा व सतीश शर्मा दोनों भाई चाय व किराणा की दुकान चलाते थे। 24 अप्रेल को ही नई कार खरीदी थी। नई कार लेने के बाद वे चार मई की रात को करीब डेढ़ बजे सीकर से अपने मित्र कैलाश को लेकर त्रिनेश गणेशजी के लिए निकले। मनीष शर्मा ने अपनी बुआ संतोष देवी निवासी खाटूश्यामजी को रींगस से साथ लिया था।
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पिता की भी सड़क हादसे में हुई थी मौत


मृतक मनीष शर्मा व सतीश शर्मा सगे भाई थे। इनके पिता रामावतार शर्मा की करीब आठ साल पहले सत्यम सिटी में बनाए गए मकान के गृह प्रवेश से करीब 20 दिन पहले एक सड़क हादसे में मौत हो गई थी। वहीं मनीष के दादा मुरलीधर शर्मा की करीब सात माह पहले दीपावली से पहले मौत हो गई थी।

पहले हो चुकी चोरी, इसलिए मां को घर छोड़कर गए


दादा मुरलीधर शर्मा की मौत के बाद पूरा परिवार सीकर से गांव मुकुंदगढ़ चला गया था। इस दौरान सत्यम सिटी स्थित मकान में चोरी हो गई थी। इस कारण मनीष व सतीष मां मंजू देवी को गणेशजी के साथ लेकर नहीं गए थे।

मित्र कैलाश को साथ लेकर गए थे मनीष


मनीष का दोस्त कैलाश पुत्र बीरबल जाट के दो बच्चे हैं। वह दासा की ढाणी में मनीष की दुकान के पास ही ही खाद-बीज की दुकान करते थे। दोनों में गहरी दोस्ती थी, इसलिए मनीष अपने मित्र कैलाश को कार चलाने के लिए लेकर गया था। ताकि दोनों मिलकर कार चला सकें।

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