सुबह तीन ट्रेन से बढ़ती है परेशानी
यात्रियों की ये परेशानी सुबह तब ज्यादा बढ़ जाती है जब तीन डेमू ट्रेन एक साथ खड़ी होती है। लुहारू-जयपुर, सीकर-चूरू तथा रेवाड़ी-सीकर का समय 7.30 से 7.40 का है। ऐसे में तीनों ही ट्रेन के यात्रियों को बिना डेस्टीनेशन बोर्ड की दो इंजन वाली गाडिय़ा ज्यादा गफलत में डाल देती है। ऐसे में यात्री ट्रेन पकडऩे से पहले प्लेटफार्म पर उसके बारे में पता करने में जुटे रहते हैं।
यात्रियों की ये परेशानी सुबह तब ज्यादा बढ़ जाती है जब तीन डेमू ट्रेन एक साथ खड़ी होती है। लुहारू-जयपुर, सीकर-चूरू तथा रेवाड़ी-सीकर का समय 7.30 से 7.40 का है। ऐसे में तीनों ही ट्रेन के यात्रियों को बिना डेस्टीनेशन बोर्ड की दो इंजन वाली गाडिय़ा ज्यादा गफलत में डाल देती है। ऐसे में यात्री ट्रेन पकडऩे से पहले प्लेटफार्म पर उसके बारे में पता करने में जुटे रहते हैं।
दिन में चलती है आठ डेमू ट्रेन
सीकर जंक्शन से दिन में आठ डेमू ट्रेन चलती है। इनमें जयपुर- चूरू, चूरू-जयपुर, सीकर से लुहारू, लुहारू से जयपुर, जयपुर से सीकर, रेवाड़ी से सीकर और दो चूरू से सीकर की डेमू ट्रेन सीकर जंक्शन पहुंचती है।
सीकर जंक्शन से दिन में आठ डेमू ट्रेन चलती है। इनमें जयपुर- चूरू, चूरू-जयपुर, सीकर से लुहारू, लुहारू से जयपुर, जयपुर से सीकर, रेवाड़ी से सीकर और दो चूरू से सीकर की डेमू ट्रेन सीकर जंक्शन पहुंचती है।
जीपीएस से जुड़े होते हैं बोर्ड
डेमू ट्रेन के डेस्टीनेशन बोर्ड जीपीएस से जुड़े होते हैं। जिनमें ट्रेन की लोकेशन के हिसाब से अपने आप गंतव्य स्थान की जानकारी डिस्पले होती है। पर लंबे समय से ये फेल सिस्टम यात्रियों की परेशानी बढ़ा रहा है।
डेमू ट्रेन के डेस्टीनेशन बोर्ड जीपीएस से जुड़े होते हैं। जिनमें ट्रेन की लोकेशन के हिसाब से अपने आप गंतव्य स्थान की जानकारी डिस्पले होती है। पर लंबे समय से ये फेल सिस्टम यात्रियों की परेशानी बढ़ा रहा है।
इनका कहना है
डेमू ट्रेन पर गंतव्य स्थान की जानकारी नहीं होने व इसके दोनों तरफ इंजन होने की वजह से यात्रियों को काफी परेशानी होती है। ज्यादातर लोग इधर-उधर पूछते हुए ही ट्रेन पकड़ते हैं। जयेश कुमार, यात्री।
डेमू ट्रेन पर गंतव्य स्थान की जानकारी नहीं होने व इसके दोनों तरफ इंजन होने की वजह से यात्रियों को काफी परेशानी होती है। ज्यादातर लोग इधर-उधर पूछते हुए ही ट्रेन पकड़ते हैं। जयेश कुमार, यात्री।
सुबह की डेमू ट्रेन से अक्सर जयपुर जाता हूं इसलिए मुझे तो पता है लेकिन डेस्टीनेशन बोर्ड नहीं होने की वजह से अनजान लोग वास्तव में बहुत परेशान होते हैं। ट्रेन में बैठने के बाद भी वे सुनिश्चित करते हैं कि उन्होंने सही ट्रेन तो पकड़ी है न। सत्येंद्र सैनी, सीकर