आस पास ही मौजूद परी के परिजन वहां पहुंचे। चीख पुकार की आवाज सुन कर अन्य लोग मौके पर पहुंचे तथा पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस व प्रशासन, अस्पताल नगर पालिका व अन्य टीम मौके पर पहुंची तथा परी को बचाने के प्रयास शुरू कर दिए। बोर के बराबर एक घंटे की खुदाई के बाद बोर को काट कर परी को बाहर निकाल लिया गया। घायल परी को 108 एम्बुलेंस से सरकारी अस्पताल लाया गया। यहां प्राथमिक उपचार के बाद बच्ची स्वस्थ है। इस दौरान एसडीएम हिमांशु सागवान, तहसीलदार विवेक कटारिया, सीएचसी प्रभारी रामावतार दायमा सहित अधिकारी व लोग मौजूद थे।
काम आया साहस
रींगस थाने के हैड कांस्टेबल राहुल चौधरी व कांस्टेबल सत्यनारायण शर्मा बोर के बराबर की खुदाई के दौरान ही गड्ढे में उतरे। जेसीबी से खोदी जा रही मिट्टी उन पर गिर रही थी, लेकिन उन्होंने उसकी परवाह नहीं की। उस समय बच्ची चार फीट की गहराई पर थी। इसके बाद दो अन्य भी गड्ढे में उतरे। जैसे ही खुदाई हुई तो बच्ची दस फीट नीचे चली गई। इससे एकबार तो सबके हाथ पांव फूल गए। किसी ने भी हिम्मत नहीं हारी तथा बच्ची को आवाज देते रहे। करीब 14 फीट की खुदाई के बाद गड्ढे में उतरे कांस्टेबल राहुल चौधरी व सत्यनारयण आदि ने बोर को काट दिया। इसके बाद फंसी बच्ची को सकुशल बाहर निकाल लिया। बच्ची को जैसे ही बोरवेल से बाहर निकाला जयकारे गूंजने लगे।
रींगस थाने के हैड कांस्टेबल राहुल चौधरी व कांस्टेबल सत्यनारायण शर्मा बोर के बराबर की खुदाई के दौरान ही गड्ढे में उतरे। जेसीबी से खोदी जा रही मिट्टी उन पर गिर रही थी, लेकिन उन्होंने उसकी परवाह नहीं की। उस समय बच्ची चार फीट की गहराई पर थी। इसके बाद दो अन्य भी गड्ढे में उतरे। जैसे ही खुदाई हुई तो बच्ची दस फीट नीचे चली गई। इससे एकबार तो सबके हाथ पांव फूल गए। किसी ने भी हिम्मत नहीं हारी तथा बच्ची को आवाज देते रहे। करीब 14 फीट की खुदाई के बाद गड्ढे में उतरे कांस्टेबल राहुल चौधरी व सत्यनारयण आदि ने बोर को काट दिया। इसके बाद फंसी बच्ची को सकुशल बाहर निकाल लिया। बच्ची को जैसे ही बोरवेल से बाहर निकाला जयकारे गूंजने लगे।
मां व दादी से लिपट गई बच्ची
बच्ची को जैसे ही बोर से बाहर निकाला, मौके पर तैनात 108 व चिकित्सकों ने उसकी जांच शुरू कर दी। परी रियां दादी के लिपट गई तथा रोने लगी। तत्काल ही उसे एम्बुलेंस से सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया । इस दौरान बच्ची की मां का रो रोकर बुरा हाल रहा। अस्पताल में तहसीलदार विवेक कटारिया ने बच्ची से बात कर उसे हंसाया। इसके बाद बच्ची नॉर्मल हो गई।
बच्ची को जैसे ही बोर से बाहर निकाला, मौके पर तैनात 108 व चिकित्सकों ने उसकी जांच शुरू कर दी। परी रियां दादी के लिपट गई तथा रोने लगी। तत्काल ही उसे एम्बुलेंस से सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया । इस दौरान बच्ची की मां का रो रोकर बुरा हाल रहा। अस्पताल में तहसीलदार विवेक कटारिया ने बच्ची से बात कर उसे हंसाया। इसके बाद बच्ची नॉर्मल हो गई।