सीकर

खाटूश्यामजी का लक्खी मेला आज से शुरू, पहली बार AI तकनीक का होगा उपयोग

Khatu Shyam Lakhi Mela starts from today : खाटूश्यामजी के 11 दिवसीय वार्षिक लक्खी मेले का आयोजन आज से किया जाएगा। खाटूश्यामजी के दर्शन करने के लिए हर दिन भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। पहली बार मेले में एआई तकनीक का उपयोग किया जाएगा।

सीकरMar 11, 2024 / 08:10 am

Lokendra Sainger

Khatu Shyam Lakhi Mela 2024 : राजस्थान के सीकर जिले में स्थित खाटूश्यामजी के 11 दिवसीय वार्षिक लक्खी मेले का आयोजन आज से किया जाएगा। खाटू नगरी में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की गणना पहली बार एआई तकनीक से होगी। मंदिर कमेटी व प्रशासन का दावा है कि इस नई व्यवस्था से 10 लाख की भीड़ जुटने पर भी भक्त अधिकतम एक घंटे में श्याम बाबा के दीदार कर सकेंगे। कम भीड़ होने पर इससे भी कम समय लगेगा।


 

 

बता दें कि खाटूश्यामजी के दर्शन करने के लिए हर दिन भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। इस मेले में देश-दुनिया से लोग घूमने आते हैं। माना जाता है कि फाल्गुन माह में बाबा खाटू श्याम जी के दर्शन करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मेले में खाटू श्याम बाबा के दरबार की झांकियां सजाई जाएंगी। साथ ही मंदिर के गर्भगृह को भव्य रूप से सजाया जाएगा। 10 दिनों तक चलने वाले इस मेले में देश के कोने-कोने से लाखों भक्त शामिल होंगे।


 

 

धार्मिक मान्यता है कि लक्खी मेला इसलिए लगता है क्योंकि जब बर्बरीक से भगवान श्री कृष्ण ने शीश मांगा था, तो बर्बरीक ने पूरी रात्रि भजन किया और फाल्गुन माह के शुक्ल द्वादशी को स्नान कर सच्चे मन से पूजा की। इसके बाद बर्बरीक ने भगवान श्री कृष्ण को अपना शीश काटकर दे दिया। मान्यता है कि इसी वजह से हर साल लक्खी मेला लगता है।


यदि कोई श्रद्धालु फाल्गुन माह में बाबा खाटू श्याम के दर्शन और माथा टेकने आता है तो बाबा शयाम प्रसन्न होकर उस भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। एक विशेष बात आपको बता दें कि लक्खी मेला के दौरान श्याम नगरी पूरी तरह से बाबा श्याम के रंग में रंगी होती है।


 

 

लक्खी मेले को देखते हुए पुलिस -प्रशासन पूरी तरह चौकन्ना है। बाबा के दर्शन में किसी भी प्रकार की विघ्न-बाधा न आए। इसके लिए खास प्रबंध किए गए है। जो लोग खाटू श्याम मेले में निशान उठाते हैं, उन्हें रिंग्स के रास्ते से होते हुए बाबा श्याम की पैदल यात्रा करनी होती है। खाटू श्याम को सुजानगढ़ का निशान चढ़ाने के बाद मेले का समापन होता है। इस मेले में 8 फीट का ऊंचा निशान ले जाने की अनुमति है। इस साल लक्खी मेला में भक्तों की भारी संख्या में भीड़ उमड़ने की संभावना है।


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