यह कहानी है सीकर के शास्त्री नगर निवासी सिपाही भरत सिंह शेखावत ( Soldier Bharat Singh Shekhawat ) व उनकी पत्नी भावना कंवर के पहले करवा चौथ की। भावना कंवर का कहना है कि उनके पति पिछले एक साल से मेरठ में कार्यरत है। शादी के बाद हमारा यह पहला करवा चौथ हैं। छुट्टियों में हमने यह करवा चौथ एक साथ मनाने का प्लान किया था। लेकिन छुट्टियां नहीं मिलने की वजह ऐसा नहीं हुआ। पति से दूर अकेले करवा चौथ मनाते हुए मन तो दुखी है, लेकिन साथ ही मुझे अपने पति पर गर्व भी है।
क्योंकि वो इसी तरह अपनी खुशियों को भुलकर जज्बे के साथ देश सेवा कर रहे है।
पति से दूर रहने की कमी तो खलती है, लेकिन पीहर और ससुराल दोनों एक ही शहर में होने के चलते कभी एकेला पन महसूस नहीं होता। ससुराल में पीहर जैसा प्यार और पीहर से जाने के बाद भी माता-पिता का दुलार कभी कम नहीं हुआ। जब मन किया तब ससुराल और पीहर में माता-पिता के साथ रहने का मौका मिल ही जाता हैं। पीहर पक्ष से पिता, दादा और भाई इस तरह तीन पीढिय़ां आर्मी में हैं। पिता महेंद्र सिंह राठौड़ शांति नगर में अपने परिवार के साथ रहते है। महेंद्र सिंह आर्मी से सेवानिवृत्त होने के बाद सैनिक कल्याण बोर्ड कार्यालय में रिक्शो के प्रभारी है।
वर्ष 2014 में आयोजित सीकर की सेना भर्ती रैली में नौकरी लगने के बाद भरत सिंह ने जनवरी 2016 तक छह महीने फतेहगढ़ में ट्रेनिंग की। जून 2016 तक गंगानगर पहली पोस्टिंग के बाद 15 अगस्त 2018 तक कुपवाड़ा में पोस्टिंग रही। उसके बाद सितंबर 2018 से अब तक मेरठ में कार्यरत है। इसी बीच 22 जनवरी 2019 को भरत सिंह की शादी हुई। भरत सिंह के बड़े भाई रणजीत सिंह शेखावत 2018 में आर्मी से ही सेवानिवृत्त हुए हैं।